Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन अतिक्रमष मामले में 50 हजार लोगों के घरों पर संकट मंडरा रहा है। अपनी जमीन बचाने के लिए सड़के पर उतरे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है। गुरुवार यानी आज शीर्ष अदालत हाईकोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4,365 परिवारों को हटाने के लिए आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

Haldwani: रेलवे की जमीन पर है कब्जा
गौरतलब है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा के 2.2 किलोमीटर इलाके में फैले गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर का है। जो कि रेलवे की जमीन है। अब यहां रहने वालों लोगों को नोटिस जारी कर घरों को खाली करने का नोटिस दिया है। रेलवे के मुताबिक, 2013 में गौला नदी में अवैध रेत खनन का मामला कोर्ट पहुंचा था।
रेलवे के अनुसार 10 साल पहले उस केस में पाया गया कि रेलवे के किनारे रहने वाले लोग ही अवैध रेत खनन में शामिल थे। उस समय हाईकोर्ट ने रेलवे से जमीनें खाली करवाने के लिए कहा। इस केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को इस पर फैसला सुनाया था।

रेलवे का दावा है कि उसके पास जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज है। मगर वहां रह रहे 4400 परिवारों और 50 हजार लोग जो अतिक्रमणकारी हैं वो अब कहां जाएंगे। इस पर आज शीर्ष न्यायालय फैसला करेगा।
Haldwani: पीड़ित परिवार कर रहे प्रदर्शन
बता दें कि इलाके के प्रभावित लोग रेलवे के विरोध में धरनन प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रभावित परिवारों के साथ कई समाजिक संगठन भी खड़े हो गए हैं। बीते बुधवार को कई संगठनों ने बुद्ध पार्क में धरना दिया था। संगठनों का कहना है कि मानवीय और नैतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। वहीं, विपक्षी पार्टियां और कई मुस्लिम संगठनों ने भी वहां के लोगों को अपना समर्थन दिया है।
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