चीन में विदेशी पत्रकार हिरासत में लिए जाने, वीजा में देरी और संदेहास्पद फोन टैपिंग जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे पत्रकारों का कहना है कि यहां काम करने का माहौल बेहद खराब होता जा रहा है और कई पत्रकार नजर रखे जाने और प्रताड़ित करने की शिकायत कर चुके हैं।
चीन में विदेशी पत्रकारों के क्लब (FCCC) की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें 109 पत्रकारों के बीच कराया गया सर्वे हाल ही में चीन में पत्रकारिता की सबसे अंधकारमय तस्वीर को दर्शाता है।
एफसीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन पत्रकारों के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय निगरानी रखा जाना है। इनमें से करीब आधे पत्रकारों ने कहा कि 2018 में उनका पीछा किया गया, जबकि 91 प्रतिशत पत्रकारों ने अपने फोन की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। वहीं 14 विदेशी पत्रकारों का कहना है कि उन्हें शिनजियांग के दूरवर्ती इलाकों में सार्वजनिक स्थलों पर जाने से रोका गया।
समाचार पत्र ‘ग्लोब ऐंड मेल’ के पत्रकार नाथन वैंडरक्लिप ने कहा, ‘करीब नौ कारों और 20 लोगों ने 1600 किलोमीटर तक मेरा पीछा किया।’
वहीं चीन ने इस मुद्दे को लेकर विदेशी मीडिया पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाया है.