साल 2022 देश के तकनीकी क्षेत्र (Tech) के लिए भी काफी लाभदायक रहा। इस साल भारत में 5जी की शुरूआत से लेकर डिजिटल रुपए तक की लांचिंग हुई। इसके अलावा ओपन-सोर्स प्रोग्रामिंग पर तैयार की गई सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं का क्षेत्र वैश्विक स्तर के लिए तैयार हो रहा है। डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) और डिजिटल रुपये की शुरूआत के अलावा सरकार डिजिटल गतिविधियों को भी कानून के माध्यस में स्थिरता देने में लगी हुई है।
पिछले दिनों संसद मे बोलते हुए केंद्रीय प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें एक व्यापक कानूनी नियामक ढांचा बनाने के लिए एक बहुत स्पष्ट लक्ष्य दिया है। हम तीन चीजों को तैयार कर रहें हैं जिसमे पहला है कैरियर के लिए टेलीकॉम बिल, दूसरा नागरिकों की प्राईवेसी के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल 2022 और तीसरा डिजिटल इंडिया बिल, जो एक बड़े रूप में पिछले दो बिलों के अलावा जो भी मुद्दे बच जाते हैं उनको देखेगा।
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल – 2022 (DPDP- 2022)
18 नवंबर 2022 को पेश किए गए Digital Personal Data Protection Bill – 2022 ने डिजिटल इंडिया को लेकर जो सबसे बड़ी रुकावटें थी उनको दूर करने की कोशिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि संशोधित बिल एक आम आदमी को भी सरल और समझने में आसान है। इससे पहले अगस्त 2022 में कई दिग्गज तकनीकी कंपनियों समेत अन्य संस्थानों की आपत्ति के बाद 2020 में पेश किये गए डिटिजल डेटा प्रोटेक्शन बिल को सरकार ने वापस ले लिया था। नया डेटा संरक्षण बिल केंद्र सरकार को भारत में डेटा संरक्षण बोर्ड (Data Protection Board) की स्थापना करने की भी अनुमति देता है जो एक डिजिटल नियामक (Digital Regulator) के रूप में कार्य करेगा.
नये Data Protection Bill में कहा गया है कि किसी भी समय ग्राहक कंपनियों को दी गई अपनी सहमति (Consent) वापस ले सकता है। बिल में ये भी कहा गया है कि केंद्र सरकार चाहे तो राष्ट्रहित (National Interest) में एजेंसियों अथवा राज्यों को इसके दायरे से बाहर रख सकती है। भारत सरकार द्वारा पेश किये गए बिल के मसौदे के अनुसार डेटा स्टोरेज के लिए सर्वर देश (भारत) में या मित्र देशों में ही हो सकेगा। सरकार ऐसे देशों की लिस्ट जल्द जारी करेगी जहां पर भारत के लोगों का डेटा रखा जा सकता है। इसके अलावा सरकारी एजेंसियां और संस्थान असीमित समय तक डेटा को अपने पास रख सकेंगे।
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यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
भारत के नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा बनाई गई भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये 2022 में कुल मासिक लेनदेन का मूल्य 12 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया जो अपने आम में एक रिकार्ड है। केंद्र सरकार ने भारत द्वारा तैयार की गई डिजिटल सेवाओं की लगातार बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए UPI आधारित भुगतान सेवाओं को अपनाने के लिए 30 देशों के साथ समझौते किए हैं। भारत मे डिजिटल माध्यम से होने वाले रिटेल लेनदेन का भुगतान 2017 के 15 फीसदी से बढ़कर 2022 में 40-45 फीसदी हो गया है।
RBI द्वारा पेश की गई सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)
दुनिया में क्रिप्टो के बोलबाले के बीच भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर 2022 को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) – e₹ (डिजिटल रुपया) लॉन्च किया। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल रुपये का उद्देश्य देश में नकदी की परिचालन लागत को कम कर भुगतान प्रणाली में बेहतर वित्तीय समावेशन, आसान निपटान और नवाचार को बढ़ावा देना है।
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RBI के अनुसार ई-रुपया (e₹) या Digital Currency भारत के डिजिटल भुगतान ईकोसिस्टम में UPI, चेक, बैंक हस्तांतरण और डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा एक और अतिरिक्त भुगतान का विकल्प प्रदान करेगा। यह काफी हद तक बैंक नोटों से अलग नहीं होगा लेकिन डिजिटल होने के कारण यह ‘आसान, तेज और सस्ता होगा।’
डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क
भारत के तेजी से बढ़ते एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक के खुदरा बाजार में छोटे व्यापारियों को बड़ी कंपनियों से हो रही प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए और एक समान अवसर देने के लिए भारत सरकार ने 1 सितंबर 2022 में ONDC (Open Network for Digital Commerce) के बीटा संस्करण को दिल्ली NCR, शिलांग, कोयम्बटूर, भोपाल, बेंगलुरु और लखनऊ जैसे शहरों में लॉन्च किया गया था। हालांकि ONDC को इससे पहले 31 दिसंबर 2021 को लांच किया गया था।
ONDC का सबसे बड़ा मकसद बाजार में सबसे बड़ी कंपनियों द्वारा स्थापित किए जा रहे एकाधिकार को कम करना है। ONDC के लांच के बाद फ्लिपकार्ट, अमेजॉन जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने ONDC टीम के साथ बातचीत कर अपने प्लेटफॉर्म को नेटवर्क के साथ एकीकृत करने के साथ-साथ इसे बनाने के लिए विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए साझेदारी को लेकर चर्चा की जा रही है।
5G की शुरुआत
अक्टूबर 2022 में भारत में पांचवीं पीढ़ी की अल्ट्रा हाई स्पीड या यूं कहे कि 5G दूरसंचार सेवाओं को लॉन्च किया गया था। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बताया कि 26 नवंबर तक, दूरसंचार कंपनियों ने देश के 14 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50 से अधिक शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं।