भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन -18 ने आज रफ्तार के मामले में नई ऊंचाईयों को छुआ है। ट्रेन-18 रविवार को ट्रायल के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे से दौड़ी।
जबकि शनिवार को यह ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चैन्नई में निर्मित ट्रेन-18 का परिचालन शुरू होने के बाद यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन होगी।
ट्रायल के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर ट्रेन-18 का वीडियो शेयर किया। ट्रेन के इतनी रफ्तार में होने के बाद भी झटके नहीं लग रहे हैं। वीडियो में पानी की बोतलों को दिखाया गया है, जो कि स्थिर हैं। रेल मंत्री ने लिखा, ‘जोर की स्पीड का झटका धीरे से लगा।’
जोर स्पीड का झटका धीरे से लगा: Train 18 exceeds 180kmph during trial. The stability of water bottles at this speed is testament to the quality of workmanship and design of our engineers pic.twitter.com/CImC49ljgm
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 2, 2018
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक एस. मणि ने बताया, ट्रेन-18 ने कोटा और सवाई माधोपुर सेक्शन पर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार को पार कर लिया। सभी बड़े परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर अगर जरूरत पड़ी तो कुछ सुधार किए जाएंगे,
लेकिन फिलहाल कोई बड़ी तकनीकी खामी सामने नहीं आई है। हमें उम्मीद है कि जनवरी 2019 तक ट्रेन का व्यावसायिक परिचालन शुरू कर देंगे। आम तौर पर ट्रायल में तीन महीने का समय लगता है, लेकिन सब कुछ उम्मीद से तेज हो रहा है।
बता दें ट्रेन-18 देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसे चलाने के लिए इंजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे विशेष तौर पर बुलेट ट्रेन की तर्ज पर तैयार किया गया है। ट्रेन पूरी तरह कंप्यूटरीकृत है और जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम है, वहां 44 लोग बैठ भी सकते हैं।
16 कोच के साथ इस ट्रेन में शताब्दी एक्सप्रेस जितनी यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी। यह 15 से 20 फीसदी ऊर्जा की बचत करेगी और कम कार्बन उत्सर्जित करेगी।