उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आयोजित सिख समागम में कहा कि जब तक कश्मीर में हिंदू शासक था, तब तक वहां सभी धर्मों के लोग सुरक्षित थे। लेकिन बदलते समय में जब हिंदू राजा का पतन हुआ तो वहां हिंदू और सिख समाज के लोगों का भी पतन होना शुरू हो गया। सीएम ने अपने बयान में कहा कि आज कश्मीर की स्थिति क्या है, इसपर विचार होना चाहिए। सवाल यह है कि क्या घाटी में आज कोई भी खुद को सुरक्षित बोल सकता है? जवाब है-नहीं। ऐसे में हमें इतिहास से कुछ सीखना चाहिए।
बता दें कि सीएम योगी से पहले यूपी पहुंचे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी रविवार को कहा था कि कश्मीर घाटी के आतंकवाद को बंदूक के बल पर खत्म नहीं किया जा सकता।
मेरठ के एक कार्यक्रम के दौरान मलिक ने कहा था कि घाटी का आतंकवाद सीमा पार से प्रायोजित है, इसलिए इसे बंदूक की गोली से समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर असल में घाटी से आतंकवाद का अंत करना है तो इसके लिए यहां के युवाओं से संवाद स्थापित करना होगा।
मलिक ने कहा था कि घाटी में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। इसके अलावा निकाय चुनाव के दौरान भी हालात सामान्य रहे हैं। ऐसे में हाल में हुए चुनाव घाटी के भविष्य के लिए अच्छा संकेत हैं। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर में चुनाव के दौरान आए दिन हत्या जैसी वारदात होती थी, लेकिन इस बार ऐसी घटनाएं नहीं हुईं।