आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है। कहा कि अगर इस्लामाबाद सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखता है तो भारतीय सेना ‘दूसरे ऐक्शन’ भी ले सकती है। इन्फैंट्री डे के मौके पर एक कार्यक्रम से आर्मी चीफ ने पत्रकारों से यह बात कही। उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया कि वह किस तरह के संभावित ऐक्शन की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि सितंबर 2016 में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के उरी में आर्मी कैंप पर कायराना हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। सेना ने 28 सितंबर 2016 को LoC के उस पार जाकर आतंकियों के कई लॉन्च पैडों को तबाह कर दिया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए थे।
आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और उकसाने से बाज आने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने भूभाग की रक्षा को पूरी तरह सुनिश्चित करने में सक्षम है। आर्मी चीफ ने कहा कि कोई भी ताकत से या किसी भी अन्य तरीके से भारत के किसी भी हिस्से को नहीं छीन सकता। जम्मू और कश्मीर में सीमापार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन की बात करते हुए जनरल रावत ने इशारा किया कि 1971 की जंग में अपनी करारी शिकस्त का बदला लेने के लिए पड़ोसी देश ‘छद्म युद्ध’ का सहारा ले रहा है।
बता दें कि 1971 की जंग में पाकिस्तान को बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। उसी जंग के बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ और बांग्लादेश का उदय हुआ था। आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान का मकसद छद्म युद्ध के जरिए भारतीय सेना को उलझाये रखना है।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा, कि भारतीय सेना और भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर को देश का हिस्सा बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए सक्षम हैं। कोई भी अन्य इसे ताकत या किसी अन्य तरीकों से हमसे नहीं छीन सकता क्योंकि कानूनी तौर पर जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।’ सीमापार घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान इतना समझदार तो होगा ही कि उसे यह समझ हो कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने से उसे सिर्फ नुकसान ही होगा।