पीएम मोदी रविवार को सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आजाद हिंद सरकार’ की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल हुए और पीएम मोदी ने इस दौरान लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया। बता दें कि अब तक देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडारोहण करते हैं। मगर अब 21 अक्टूबर को भी लाल किले पर झंडारोहण करने करने के साथ नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री बन गये।
#Breaking: आज हिंदी सरकार की 75वीं वर्षगांठ, पीएम मोदी ने लाल किले में फहराया तिरंगा pic.twitter.com/EXItwcokoj
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) October 21, 2018
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बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उन शख्सियतों के योगदान का जश्न मनाने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों पर विस्तार से चर्चा की। जिन्हें उनके मुताबिक कांग्रेस ने अपने कई दशकों के कार्यकाल के दौरान अनदेखा किया।
Addressing a programme marking 75 years of the establishment of the Azad Hind Government. https://t.co/B2gmDL8dWt
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लाल किले मे पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी का एक ही उद्देश्य था, एक ही मिशन था भारत की आजादी, मां भारती को गुलामी की जंजीर से आजाद कराना। यही उनकी विचारधारा थी। और यही उनका कर्मक्षेत्र था। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी।
ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया : पीएम मोदी pic.twitter.com/MLHV207NIK
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पीएम मोदी ने कहा कि ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया। देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी।
आज मैं कह सकता हूं कि भारत अब एक ऐसी सेना के निर्माण की तरफ बढ़ रहा है, जिसका सपना नेताजी ने देखा था। जोश, जुनून औरजज्बा तो हमारी सैन्य परंपरा का हिस्सा रहा ही है, अब तकनीक और आधुनिक हथियारों की शक्ति भी जुड़ रही है : पीएम मोदी pic.twitter.com/Ptycdqgsoc
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि “हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती। इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए। आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी मौजूद थे। साथ ही साथ बताया जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्रबोस के परिवार के लोग भी इसमें शामिल हुए।
नेताजी सुभाष चंद बोस के नाम पर दिया जाएगा राष्ट्रीय सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रबंधन, राहत एवं बचाव कार्य के दौरान बेहतर कार्य करने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिये ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ के नाम पर एक राष्ट्रीय सम्मान देने की घोषणा की।