राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर के अनशन तोड़ने के समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा। गहलोत ने वसुंधरा राजे पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने कभी लोकतंत्र की परवाह नहीं की और जनता के साथ धोखा किया हैं। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार ने राज्य में कभी हड़ताल करने वाले हो, धरना प्रदर्शन या अनशन किसी की परवाह नहीं की। यह सरकार संवेदनहीन है।
गहलोत ने कहा “मैं जब मुख्यमंत्री था तब भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे गुरुशरण छाबड़ा ने शराब बंदी को लेकर अनशन किया, तब मैं तीन बार अस्पताल में जाकर उनसे मिला और उनका अनशन तुड़वाया। लेकिन भाजपा की वसुंधरा सरकार के समय भी छाबड़ा ने अनशन किया और वह अस्पताल में भर्ती थे लेकिन सरकार ने परवाह नहीं की और न ही उन्हें कोई मान सम्मान दिया। आखिरकार अनशन करते उनका देहांत हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वसुंधरा सरकार की सोच के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि इनके शासन में किसी को उपवास नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ लोगों का इतना गुस्सा हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली और धौलपुर के चक्कर लगाती रही और जनता की कोई सुध नहीं ली। अब जनता केवल चुनाव का इंतजार कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि धीरज गुर्जर जहाजपुर एवं कोटड़ी क्षेत्र की पन्द्रह सूत्री मांगों को लेकर भीलवाड़ा में सत्याग्रह कर रहे थे कि गत पांच अक्टूबर को उनकी तबियत बिगड़ गई और उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में गुर्जर को जयपुर भेज दिया गया था।