मोदी सरकार के सख्त नियमों के बाद भी घोटाले की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। इस बार हैदराबाद की एक कंपनी ने बैंक को करोड़ों का चूना लगाया। इस बार भी घाटालेबाज कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक को ही चंपत लगाई है। हालांकि बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने धोखाधड़ी करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। सीबीआई ने टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी वीएमसी सिस्टम्स के खिलाफ 1,700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। जांच एजेंसी ने इस मामले में वुप्पलटई हिमा बिंदु, वुप्पलटई वेंकट रामाराव, भाग वटुला वेंकटरमन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये लोग कंपनी के डायरेक्टर और प्रमोटर हैं। इन पर आपराधिक, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप हैं।
बैंकों के समुह ने वीएनसी को लोन दिया था। इस पर 539 करोड़ रुपए पीएनबी के जबकि 1,207 करोड़ एसबीआई, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक और जेएम फाइनेंशियल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के बकाया हैं। पीएनबी के मुताबिक वीएमसी ने 12 अगस्त 2009 को 1,010.50 करोड़ रुपए की वर्किंग कैपिटल क्रेडिट फैसिलिटी ली थी। लेकिन, इसने रकम का इस्तेमाल किसी और काम में किया। शिकायत के मुताबिक वीएमसी ने बैंकों के समुह की इजाजत के बिना 43.83 करोड़ रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर किए। एक अप्रैल 2013 से 30 अप्रैल 2014 के बीच यह हेर-फेर किया गया। कंपनी ने बाद में कह दिया कि वो कर्ज नहीं चुका सकती। क्योंकि, बीएसएनल पर उसके 262 करोड़ रुपए बकाया हैं। लेकिन, बैंकों को पता चला कि सिर्फ 33.09 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है।
जांच एजेंसी ने इस मामले में एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है। एजेंसी ने हैदराबाद में तीन जगहों पर छापे मारे हैं। इस मामले में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि कुल 539 करोड़ रुपये के इस घोटाले में 296 करोड़ रुपये पीएनबी के हैं। पीएनबी ने इस धोखाधड़ी की शिकायत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 18 जुलाई 2017 में की थी। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।