Maharashtra Karnataka Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके कारण महाराष्ट्र के दो मंत्रियों की बेलगावी यात्रा को भी स्थगित करना पड़ गया। वहीं, आज यानी 6 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी के हिरेबागेवाड़ी टोलनाके पर कन्नड़ रक्षण वेदिका (कर्वे) संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र के वाहनों पर हमला बोल दिया। महाराष्ट्र के पुणे में भी शिव सैनिकों ने कर्नाटक की सरकारी बसों को निशाना बनाते हुए उनपर कालिख पोत दी। मामले में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के सीएम से बात की है। इस मामले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।
Maharashtra Karnataka Dispute: डिप्टी सीएम फडणवीस ने कर्नाटक सीएम से की बात
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा का विवाद गहराता ही जा रहा है। इसको लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई से फोन पर बात की। महाराष्ट्र डिप्टी सीएम ऑफिस के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस ने बेलगाव के पास हिरेबगवाड़ी में हुई घटना को लेकर कड़ी नाराजगी भी जताई है। वहीं, सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम को आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र से आने वाले वाहनों की सुरक्षा की जाएगी।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज की इस घटना और महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर कई बड़ी बातें कही है।
केंद्र और कर्नाटक सरकार की होगी जिम्मेदारी-पवार
इस मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद कई सालों से है। उन्होंने एक मैसेज पढ़कर बताया कि सीमा विवाद मामले में यहां स्थिति गंभीर है। दोनों राज्यों के सीएम आगे आकर इस मामले में कोई ठोस फैसला लें। महाराष्ट्र के लोगों पर हमला हो रहा है। वाहनों को टारगेट किया जा रहा है और दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है। पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने वहां के सीएम से फोन पर बात की, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। सीमा पर आने-जाने वाले वाहनों के लिए बड़ी परेशानी बनती दिखाई दे रही है। शरद पवार ने कहा कि जिस तरह से हमला किया गया और घटना घट रही है, ये बेहद गंभीर है। अगर अगले 24 घंटे में हालात नहीं सुधरते हैं तो आगे जो कुछ भी होगा उसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र और कर्नाटक सरकार की होगी।
पवार ने आगे कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे को कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए। संसद सत्र शुरू होने वाला है, मैं सभी सांसदों से एक साथ आने और इस पर स्टैंड लेने का अनुरोध करता हूं।
महाराष्ट्र की स्थापना के बाद से कोर्ट में लंबित है मामला
दरअसल, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगावी व कारवार के कुछ गांवों को लेकर सीमा विवाद है। कर्नाटक में आने वाले इन गांवों की आबादी मराठी भाषी है। महाराष्ट्र में लंबे समय से इन गांवों को राज्य में शामिल किए जाने की मांग हो रही है। 1960 में महाराष्ट्र की स्थापना के बाद से यह विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं इसी मामले को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवाद होते रहते हैं। कई बार इसको लेकर हिंसा भी होती रही हैं।
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