आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की आजादी के दिन फिलहाल खत्म हो गए हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेजा गया। यहां से उन्हें वापस रिम्स यानि राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में लाया गया। कल यानि शुक्रवार को रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि लालू यादव रिम्स में रहेंगे या डिस्चार्ज होंगे। जरूरत पड़ने पर रिम्स के डॉक्टर मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट के डॉक्टरों से सलाह लेंगे। लालू के लिये जेल में विशेष इंतजाम किये गये हैं। वहीं उन्होंने सरेंडर के वक्त कोर्ट के सामने अपनी समस्याएं भी गिनाईं।
जेल में लालू के लिए उच्च श्रेणी के कमरे की व्यवस्था
जेल अस्पताल में भी एक बेड किया गया तैयार
खाना बनाने और कपड़े धोने के लिए जेल में एक-एक कारिंदे
दोनों कारिंदे कैदी ही होंगे
लालू ने सरेंडर के समय कोर्ट को दी अपने स्वास्थ्य की जानकारी
पटियाला कोर्ट से समन जारी होने का दिया हवाला
अदालत ने पटियाला कोर्ट में पेश करने के लिये दिया सरेंडर सर्टिफिकेट
इसके पहले लालू अपने खिलाफ बीजेपी पर बड़ी साजिश करने के आरोप लगाते रहे हैं। वहीं झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पालन करने पहुंचने के बाद लालू ने अदालत पर पूरा विश्वास जताया। कहा कि उनकी कोई इच्छा नहीं है। सरकार मुझे जहां चाहे वहां पर रख सकती है और मेरे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी अब सिर्फ सरकार की है।
लालू के इन शब्दों को आधार बनाकर उनके पुराने साथी और धुर विरोधी रहे बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने उन पर करारा पलटवार किया। लालू पर दोहरी नीति अपनाने के आरोप लगाए। पूछा एक तरफ न्यायालय पर विश्वास है तो इसमें उन्हें बीजेपी की साजिश कैसे और कहां दिखती है। लालू के खिलाफ जब चारा घोटाले में जांच शुरू हुई और वो जेल गए तो बीजेपी न तो तीन और न ही तेरह में थी।
लालू यादव अपनी सुविधा के हिसाब से सियासत करते हैं। कभी हंसाते हैं तो कभी भावुक करते हैं तो कभी फटकारते हैं। उन्हें बेहतर पता है कि उनका वोटर इन बातों से और उनके करीब आएगा। वैसे भी मौसम चुनावी है। ऐसे में विरोधी और लालू एक दूसरे की हवा निकालने में लगे हैं। लेकिन फैसला तो लोकतंत्र के परमेश्वर जनता को ही करना है।
एपीएन ब्यूरो