विदेशी धरती से विपक्षी पार्टी को घेरने की परंपरा भारत की नेताओं ने अभी नई-नई शुरू की है। अन्यथा अभी हाल ही में जिस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हुआ है, वो ऐसे न थे और न ही उनके समतुल्य ऐसा कोई नेता जो विदेशी धरती से भारत सरकार की विफलताएं गिना रहा हो। लेकिन अब चाहे पीएम मोदी हों या कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी सभी ने ये नया हथकंडा अपनाया है कि विदेश की धरती से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना। इस समय राहुल गांधी लंदन के दौरे पर हैं और उन्होंने वहां से मोदी सरकार और आरएसएस संगठन पर खूब आरोप लगाए। शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना अरब जगत के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की और आरोप लगाया कि आरएसएस भारत के स्वभाव को ‘बदलने’ और इसकी संस्थाओं पर ‘‘कब्जा’’ करने की कोशिश कर रहा है।
राहुल ने लंदन में अपने वक्तव्य में और इससे पहले भी कई बार कहा है कि संघ की विचारधारा भारत के विचार यानी ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ को विखंडित करने वाली है जबकि भारतीय समाज अपने ढांचे में बहुलतावादी है। राहुल गांधी ने लंदन में इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज (IISS) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए सर्जिकल स्ट्राइक, डोकलाम जैसे कई मुद्दों पर टिप्पणी की। इसी दौरान संघ पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस भारत की प्रकृति को बदलने की कोशिश कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘1984 में देश में हुए सिख विरोधी दंगे में कांग्रेस शामिल नहीं थी’, जिसमें करीब 3,000 सिखों का कत्लेआम किया गया था और अधिकतर यह राष्ट्रीय राजधानी में हुई थी। उस समय केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सत्ता थी। राहुल ने कहा- “उसको लेकर मेरे दिमाग में कहीं कोई संशय नहीं है, यह एक काफी पीड़ादायक अनुभव था। आप कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी इसमें शामिल थी, मैं इससे सहमत नहीं हूं। निश्चित रूप से, हिंसा हुई और यह एक बड़ी घटना थी।”
बता दें कि राहुल गांधी के विदेश धरती से इस तरह के बयान से बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “राहुल जी क्या आपने भारत की सुपारी ली है। विदेशी भूमि पर जाकर आप जिस तरह भारत सरकार को बदनाम कर रहे हैं, क्या उसके लिए आपने सुपारी ली है। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी के अंदर केवल संघ, बीजेपी और पीएम मोदी के लिए घृणा भरी हुई है। संबित पात्रा ने कहा कि आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से तुलना के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
The current government believes that the Indian agriculture can be replaced. When you speak to them, their conversation is, if our farmer can’t grow the wheat, we can buy the wheat from elsewhere: Congress President @RahulGandhi#RahulGandhiInLondon #LSERahulGandhi pic.twitter.com/OTxmYDM9uN
— Congress (@INCIndia) August 25, 2018