उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया में बालिका गृह प्रकरण की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरा (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है।श्री योगी ने मंगलवार देर रात बुलाये गये एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा की। उन्होने कहा कि सीबीआई के मामले की जांच को हाथ में लेने से पहले तक राज्य पुलिस का तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच करेगा और इसमें एसटीएफ उसका सहयोग करेगी।

इससे पहले महिला एवं बाल कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और एडीजी ( महिला सुरक्षा) अंजू गुप्ता ने देवरिया मामले को लेकर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया है कि बालिका गृह वर्ष 2009 से संचालित है जबकि 2017 में सरकार ने इस आश्रय गृह की मान्यता निरस्त कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा ” हमने आश्रय गृह को बंद करने के आदेश दिये थे लेकिन जिलाधिकारी ने इसका पालन नही किया। इस मामले में दोषी जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में डीपीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है जबकि 2015 में गठित मानीटरिंग कमेटी को भी बर्खास्त किया गया है। ”

श्री योगी ने कहा ” हम इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका की जांच कर रहे है। पिछली 30 जुलाई को संरक्षण गृह को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी मगर पुलिस ने इसकाे तवज्जो नही दी। गोरखपुर के अपर पुलिस महानिदेशक को पुलिस की भूमिका की जांच सौंपी गयी है। “मुख्यमंत्री ने कहा देवरिया में बालिका गृह से बचायी गयी लडकियों को वाराणसी में सरकार के अधीन एक संरक्षण गृह में भेजा गया है। इसके साथ ही राज्य भर में जिला और पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि वे संरक्षण गृहों में निवास कर रही बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। श्री योगी ने देवरिया में इस मामले की विस्तृत जांच करने के बाद लौटे अधिकारियों से विचार विमर्श किया। इस मौके पर महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद थी जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया आैर इसकी जानकारी पत्रकारों को दी।

देवरिया में विवादित मामले का खुलासा रविवार रात उस समय हुआ जब बालिका गृह से भाग कर आयी एक बालिका पुलिस स्टेशन पहुंची और उसने संरक्षण गृह में निवास कर रही लडकियों का यौन उत्पीडन किये जाने की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने बालिका गृह पर छापा मारा और 20 बालिकाओं समेत 23 नाबालिगों को वहां से निकाला। मेडिकल जांच में सभी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म किये जाने की पुष्टि हुयी। इसके तुरंत बाद गैर सरकारी संगठन मां विंध्यवासिनी संरक्षण गृह की संचालक आैर उसके पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया और उनके स्थान पर अमित किशोर की तैनाती की गयी।

साभार – ईएनसीटाईम्स

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