Chhawla Rape Case: 2012 के छावला रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को बड़ी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया है। 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की मौत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि साल 2012 में उत्तराखंड की 19 साल की लड़की के साथ दिल्ली में आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी। कार के औजारों से लेकर मिट्टी के बर्तनों तक की वस्तुओं से हमले के कारण कई चोटें आई थी।
क्या है 2012 का Chhawla Rape Case?
बता दें कि उत्तराखंड की ‘अनामिका’ दिल्ली के छावला के कुतुब विहार में रहती थी। गुड़गांव के साइबर सिटी से ऑफिस का काम निबटा कर रोज की तरह घर आ रही थी। फिर रास्ते में राहुल, रवि और विनोद नाम के तीनों आरोपियों ने लड़की का अपहरण कर लिया। उस दिन देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो परिजन परेशान हो गए। लड़की की काफी तलाश की गई लेकिन कहीं पता नहीं चला। हरियाणा के रेवाड़ी में पुलिस को काफी खोजबीन के बाद उसका शव बेहद खराब हालत में मिला। बाद में जांच में पता चला कि उसे काफी प्रताड़ित किया गया था।
“तेजाब डाला, गर्म लोहे से दागा”
जब इस मामले के सूत्र खुले और सच्चाई सामने आई तो लोगों के होश उड़ गए। पता चला है कि दोषियों ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे असहनीय यातना भी दी थी। लड़की को कार में इस्तेमाल किए गए औजारों से बेरहमी से पीटा गया। उसके पूरे शरीर को सिगरेट से जला दिया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने लड़की के चेहरे और आंखों को तेजाब से जला दिया था। इसके बाद सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की मौत की सजा को पलटा
छावला रेप-मर्डर केस के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की एक कोर्ट में केस चला। दिल्ली की एक अदालत ने तीनों को 19 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन दोषियों ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की मौत की सजा को पलट दिया।
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