सितंबर महीने में जब से देश की बड़ी तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराने वाली विप्रो द्वारा अपने 300 कर्मचारियों को दूसरी जगह काम करने के चलते (Moonlighting) नौकरी से निकाला है तब से देश में मूनलाइटिंग को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुई है. आज ही एक ओर तकनीकी सेवाएं देने वाली कंपनी इन्फोसिस ने जानकारी दी की उसने पिछले 12 महीनों में कुछ कर्मचारियों को ‘मूनलाइटिंग’ के कारण नौकरी से निकाल दिया है. हालांकि इन्फोसिस ने कर्मचारियों की संख्या की जानकारी नहीं दी.
क्या है मूनलाइटिंग?
मूनलाइटिंग कई लोगों के लिए एक नया शब्द है. मूनलाइटिंग का अर्थ है कि जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी (Permanent Job) के साथ-साथ कोई अन्य काम भी करता है तो उसे ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है.
विप्रो के बाद एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर अपनी बात रख दी है. कंपनी का कहना है कि वह एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है. यह कंपनी के भीतर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. आपको बता दें कि जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है.
भारत समेत विश्व के अन्य देशों में मूनलाइटिंग कोई नई चीज नहीं है, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते इस प्रवृत्ति में तेजी आई है. क्योंकि कोविड महामारी के दौरान लोगों ने अपने दफ्तरों को छोड़कर घर से काम करना शुरू कर दिया जिससे लोगों का काफी समय बचा और उन्हें कई नई चीजें करने की क्षमता दी.
इन आईटी फर्मों ने दी है अस्वीकृति
गौरतलब है कि मूनलाइटिंग के खिलाफ विप्रो, इनफोसिस, आईबीएम और अन्य आईटी सेक्टर की कंपनियों ने अपनी अस्वीकृति दी है. जबकि विप्रो और इन्फोसिस ने सितंबर, 2022 अक्टूबर 2022 में अपने कर्मचारियों को दूसरी जगह पर जॉब करते हुए पकड़ा था और उन्हें जॉब से निकाल भी दिया है. बता दें कि इन्फोसिस देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है.

वहीं तकनीकी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी मूनलाइटिंग को लेकर कहा कि ये कंपनी के मूल मूल्यों के खिलाफ है. कंपनी ने कहा था कि मूनलाइटिंग एक नैतिक मुद्दा (Ethical Issue) है और यह कंपनी के मूल मूल्यों के खिलाफ है. हालांकि TCS ने कहा है कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. टीसीएस में 6 लाख से अधिक लोग काम करते हैं.
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महिंद्रा को मूनलाइटिंग पर कोई समस्या नहीं
आईटी कंपनी टेक महिंद्रा को मूनलाइटिंग पर कोई समस्या नहीं, कंपनी का कहना है कि उसके कर्मचारी दूसरे जगहों पर भी काम कर सकते हैं.
किन क्षेत्रों में होती है सबसे ज्यादा मूनलाइटिंग
डिजिटल विपणन (Digital Marketing)
आज का ये तकनीकी युग वेब और सोशल मीडिया केंद्रित है जिसके चलते लोग से जोड़ने के लिए बड़े-बड़े ब्रांड डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों का सहारा लेता हैं ओर अपने लक्षित दर्शकों / उपभोक्ताओं (Targeted Audience / Consumers) से जुड़ते है. यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में, डिजिटल मार्केटिंग पेशेवरों (Professionals) की मांग बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों के लिए मूनलाइटिंग के अवसर भी पैदा हुए हैं जो अपनी नियमित नौकरियों के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय करना चाहते हैं. डिजिटल मार्केटिंग पेशेवर एक महीने में 40,000 – 50,000 रुपये तक कमा लेते हैं.
ऑनलाइन ट्यूशन (Online Tuition)
कोराना महामरी के बाद से ही ऑनलाइन ट्यूशन इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो गया है. महामारी के बाद अभिभावकों ने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन ट्यूटर की ओर रूख करना शुरू कर दिया. शिक्षाविदों और संचारकों (Academics and Communicators) के लिए कोचिंग व्यवसाय एक बड़ी आय के रूप में विकसित हुआ है.
वेब डिजाइनिंग और साइट रखरखाव (Web designing and site maintenance)
कंपनियों, उद्यमियों और यहां तक कि व्यक्तियों की भी इन दिनों अपनी वेबसाइटस हैं. इसके परिणामस्वरूप वेब डिजाइनरों और रखरखाव करने वाले लोगों की भी भारी मांग देखी जा रही है. इसलिए, यदि आप एक कुशल वेब डिजाइनर हैं, तो निश्चित रूप से आप मूनलाइटिंग के जरिए एक अच्छी साइड आय अर्जित कर सकते हैं.
डेटा विश्लेषण (Data Analysis)
सांख्यिकी (Statistics) की जानकारी रखने वाला और एक्सेल (Excel) पर अच्छी पकड़ रखने वाला लोगों की मार्केट में हमेशा उच्च मांग रहती है. कंपनियां इन लोगों की हमेशा तलाश में रहती हैं.
सामग्री लेखन (Content Writing)
यदि आप स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से लिख सकते हैं, तो कंटेंट राइटिंग आपके लिए एक बड़ा विकल्प तैयार है. कंपनियां ऐसे व्यक्तियों की भी तलाश करती हैं जो अपने प्रमोटरों और उच्च प्रबंधकों के लिए विचार लेख (Opinion Write-up) लिख सकें.