विपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार को घेरने की बात नई नहीं है। लेकिन खुद अपने ही पार्टी की सरकार में नेता और कार्यकर्ता सुरक्षित ना हो तो ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। बात पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की है। जहां इन दिनों 5 बीजेपी पार्षदो को धमकी मिलने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि, वाराणसी के पांच पार्षदों को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लगातार जेल से धमकियां दी जा रहीं हैं। भय से पार्षदों ने घर से निकलना तक बंद कर दिया है।
सूत्रों की माने तो आजमगढ़ जेल में बंद किसी अपराधी द्वारा लगातार पार्षदों को धमकियां दी जा रही है। इससे वो भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं, प्रशासन में हड़कंप मचा है। वाराणसी के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला नहीं है। जब पार्षदों को धमकिया मिली हों, लेकिन केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उन्हीं के कार्यकर्ताओ को धमकी भरे फोन आ रहे हैं। बीजेपी पार्षद दल के नेता राजेश जायसवाल ने कहा कि, वाराणसी एसएसपी से मिलकर पार्षदों की सुरक्षा की गुहार लगायी है।
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इससे पहले यूपी में कई बीजेपी विधायकों को भी धमकियां मिल चुकी हैं। इसकी गंभीरता को समझते हुए क्राइम ब्रांच व पुलिस की आधा दर्जन टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। हालांकि तक पुलिस को कोई ठोस सुबूत नहीं मिल सका है। पूरे मामले में सपा पार्षद दल के नेता कमल पटेल ने कहा कि, बीजेपी सरकार में जनप्रतिनिधि असुरक्षित हैं। अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सभी पार्षद मिलकर सदन का बहिष्कार करेंगे। वैसे, पूर्वाचल की शायद ही कोई ऐसी जेल होगी जहां अपराधियों को मोबाइल फोन की सेवा उपलब्ध न हो।
धमकियों से बीजेपी पार्षद इतने खौफजदा हैं कि वो मीडिया के सामने आने को तैयार नहीं है। वहीं पुलिस भी कैमरे पर कुछ भी कहने से बच रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन