Financial Year 23: केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना काल के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक संभल चुकी है। देश में किए जा रहे आर्थिक सुधारों और व्यापार करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का असर जल्द ही इकोनॉमी में दिखने लगेगा। भारत चालू वित्त वर्ष में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई के लिए तैयार है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में FDI 101 देशों से आया है। जिसे करीब 31 केंद्र शासित प्रदेश और राज्यों में तथा 51 क्षेत्रों में निवेश किया गया। अपने आर्थिक सुधारों और कारोबार करने में सुगमता बढ़ाने के प्रयासों के बूते भारत चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर का FDI पाने की दिशा में बढ़ रहा है। जोकि आर्थिक सुधारों को मजबूती देने की दिशा में एक सार्थक कदम है।
Financial Year 23: FDI के लिए पारदर्शी नीति अपनाई
Financial Year 23: मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार ने उदार तथा पारदर्शी नीति अपनाई है। जिसमें ज्यादातर क्षेत्र स्वचालित मार्ग के जरिए FDI के लिए खुले हुए हैं।मंत्रालय ने कहा कि सुधार के कदम अनावश्यक अनुपालन बोझ को कम करने, लागत घटाने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।
Financial Year 23: जानकारी के अनुसार भारत में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में FDI इक्विटी फ्लो करीब 6 फीसदी गिरकर 16.6 अरब डॉलर हो गया।
इसके साथ ही खराब क्वालिटी वाले खिलौनों के आयात और उसके घरेलू निर्माण को बढ़ाने के विषय पर सरकार द्वारा कई रणनीतिक हस्तक्षेप किए गए हैं। स्वदेशी वस्तुओं और तकनीक को लगातार नए आयाम दिए जा रहे हैं।वर्ष 2021-22 में खिलौनों का आयात 70 प्रतिशत घटकर 110 मिलियन अमरीकी डालर (877.8 करोड़ रुपये) हो गया है। दूसरी ओर, निर्यात 61 प्रतिशत बढ़कर 326 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
Financial Year 23: नीति में संशोधन के बाद रक्षा क्षेत्र में 494 करोड़ रुपये का FDI
इस साल जुलाई में सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि सितंबर 2020 में एफडीआई से जुड़ी नीति में संशोधन के बाद से भारत को रक्षा क्षेत्र में करीब 494 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी।भारत चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर का एफडीआई पाने की दिशा में बढ़ रहा है. देश को 2021-22 में अब तक का सर्वाधिक 83.6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।
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