Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा ने 333 किलोमीटर पुरे कर लिए हैं। शुक्रवार यानी आज, इस यात्रा में शामिल लोगों ने अवकाश लिया है। आज सभी यात्री विश्राम करेंगे साथ ही यात्रियों के लिए आज एक चिकित्सा शिविर लगाया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘333 KM की यात्रा के बाद आज भारत जोड़ो यात्री त्रिशूर जिले में विश्राम कर रहे हैं। पिछली बार 1 दिन का ब्रेक 150 KM पूरा होने के बाद 15 सितंबर को लिया गया था। उन्होंने कहा कि विश्राम के दिनों में यात्री ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अगले चरण के लिए खुद को तैयार करते हैं।
वहीं, कांग्रेस के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर केरल उच्च न्यायालय ने सवाल किया है कि सड़क के दोनों ओर प्लेक्स-बोर्ड और बैनर लगाए जाने के बावजूद पुलिस और सरकारी विभाग क्यों आंखें मूंद रहे हैं? बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पूरी सड़क पर छाई हुई है। वाहन कम चलते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
केरल उच्च न्यायालय ने की Bharat Jodo Yatra के आयोजकों की आलोचना
केरल उच्च न्यायालय ने भारत जोड़ो यात्रा के आयोजकों की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दल तिरुवनंतपुरम से त्रिशूर तक राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों पर अवैध रूप से बैनर, प्लेक्सीग्लास और झंडे लगा रहा है। पुलिस अधिकारी और अन्य विभागों के उच्च अधिकारी पूरी तरह से यह जानते हुए कि यह अवैध है, आंख मूंदकर काम कर रहे हैं। यह दुख की बात है कि जो व्यक्ति, संस्थाएं और सक्षम अधिकारी भविष्य के राष्ट्र के प्रभारी हैं, वे अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं।
अधिवक्ता हारिस वासुदेवन ने पेश की रिपोर्ट
अदालत की सहायता के लिए नियुक्त किए गए अधिवक्ता हारिस वासुदेवन ने भी राहुल गांधी के जुलूस की तस्वीरें, सड़क के दोनों ओर लगे बैनर, झंडे की तस्वीरें और न्यायाधीश को रिपोर्ट पेश की। उसके बाद जस्टिस देवन रामचंद्रन ने गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सरकार और पुलिस की निंदा करते हुए एक आदेश जारी किया। अदालत ने कहा कि किसी भी विज्ञापन या विज्ञापन कंपनी के लिए उसके नाम और पते के बिना विज्ञापन देना गैरकानूनी है। इससे पहले गाइडलाइंस जारी की गई थी कि ऐसा करने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि कोर्ट पहले ही इस तरह के आदेश जारी कर चुका है, राज्य सरकार ने भी एक सर्कुलर जारी किया है, और सड़क सुरक्षा आयोग ने भी विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सब अधिकारियों को याद दिलाना जरूरी है।
अदालत ने कहा कि सड़क के दोनों ओर अवैध रूप से लगे बैनर, तख्तियां, पोस्टर सड़क पर चलने वाले दोपहिया वाहनों के लिए खतरा बन सकते हैं। जब वे विचलित होते हैं, तो दुर्घटना की संभावना होती है। ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस तरह जब बैनर और पोस्टर लगाए जाते हैं तो उससे काफी कचरा निकलता है। ऐसा भी होता है कि स्थानीय निकाय या सक्षम संस्थान इसे संभाल नहीं पाते हैं। अदालत को आश्चर्य होता है कि अधिकारियों को ऐसे मामलों की जानकारी क्यों नहीं है। इस मामले में स्थानीय शासन विभाग के प्रधान सचिव और पुलिस प्रमुख शुक्रवार दोपहर तक जवाब दें। यह भी जवाब दिया जाना चाहिए कि अवैध बैनर और पोस्टर क्यों नहीं हटाए जाने चाहिए।
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