विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जेनेवा में मंगलवार को दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहरों का नाम है। इस लिस्ट में कानपुर शीर्ष स्थान पर है और दिल्ली छठे स्थान पर है। शहरों की यह लिस्ट 2016 की है। पुरानी लिस्ट से ताजा आंकड़े की तुलना करने पर पता चलता है कि दिल्ली में 2010 से 2014 के बीच हालात थोड़े-बहुत सुधरे थे, लेकिन 2015 के बाद से और भी बिगड़ते जा रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 एनुल ऐवरेज 143 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है जो नेशनल स्टैंडर्ड से 4.5 गुना ज्यादा है। यहां भी ध्यान देने की जरूरत है कि सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) का दावा है कि 2016 के मुकाबले 2017 में दिल्ली की हवा में प्रदूषण के स्तर कम हुआ है।

कानपुर के बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं। पंद्रवें स्थान पर कुवैत का अली सुबह अल-सलेम शहर है। उल्लेखनीय हैं कि वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली 2015 की रिपोर्ट में चौथे स्थान पर थी, जो अब खिसक कर छठवें स्थान पर पहुंच गई है।

ये आंकड़े चिंताजनक इसलिए भी हैं कि इसमें ज्यादातर उत्तर भारत के शहर हैं, जिसमें पटना, लखनऊ सहित खासकर यूपी और बिहार के हैं। दिल्ली के अलावा एनसीआर के  इलाके में आने वाले फरीदाबाद की हालत भी प्रदूषण के मामले में बेहद खराब और चिंताजनक है।

गौरतलब है कि 2016 के अंत में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकरों ने कई कदम उठाए थे। अक्टूबर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान, दिसंबर 2015 में ट्रकों पर इन्वाइरनमेंट कंपनसेशन चार्ज (ईसीसी) और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनसीआर के शहरों के बीच बेहतर समन्वय जैसे उपाय इनमें शामिल हैं। इन उपायों से कितना फायदा हो पाया है यह WHO की अगली लिस्ट में पता चल पाएगा, क्योंकि यह 2016 का प्रदूषण डाटा है।

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