
Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपश्रे शुक्रवार को अपने देश वापस लौट आए। कोलंबो में एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, राजपक्षे करीब 7 हफ्ते के बाद देश में लौटे हैं। जुलाई महीने में वह आर्थिक संकट की वजह से लोगों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए थाईलैंड चले गए थे। जानकारी के मुताबिक, मुख्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पूर्व राष्ट्रपति के उतरने के बाद उनका तमाम मंत्रियों ने फूल माला लेकर स्वागत किया। बताया जा रहा है कि वह बैंकॉक से सिंगापुर होते हुए श्रीलंका वापस आए हैं।

Gotabaya Rajapaksa: राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कराई वापसी
गोटबाया के देश छोड़ कर जाने के बाद श्रीलंका के तत्कालीन कार्यवाहन राष्ट्रपति और 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। विक्रमसिंघे को 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़े दल श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) का समर्थन हासिल था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजपक्षे के नेतृत्व वाली एसएलपीपी के अनुरोध पर उनकी स्वदेश वापसी के इंतजाम किए हैं। एसएलपीपी के महासचिव सागर करियावासम ने 19 अगस्त को कहा था कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ हुई बैठक में इस संबंध में अनुरोध किया गया था।
Gotabaya Rajapaksa: 13 जुलाई को देश छोड़कर चले गए थे राजपक्षे
बता दें कि गोटबाया राजपक्षे के विरोध में श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच उनके इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों से प्रदर्शन चल रहा था। इस प्रदर्शन ने 9 जुलाई को हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद 13 जुलाई को राजपक्षे परिवार समेत देश छोड़कर चले गए। उस समय प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति आवास सहित कई अन्य सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया था।

गोटबाया परिवार के साथ पहले श्रीलंका वायुसेना के विमान के जरिए कोलंबो से मालदीव के लिए रवाना हुए थे। मालदीव से वह सिंगापुर रवाना हुए थे। बाद में उन्होंने थाईलैंड के लिए उड़ान भरी थी।
Gotabaya Rajapaksa: मेल के जरिए दिया था इस्तीफा
गोटबाया राजपक्षे ने देश छोड़ने के बाद 14 जुलाई को अपना इस्तीफा दिया था। उन्होंने मेल के जरिए अपना इस्तीफा दिया था। थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई ने कहा है कि राजपक्षे 90 दिन तक देश में रह सकते हैं, क्योंकि वह अब भी एक राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं।
यह भी पढ़ें: