आईएनएक्स मीडिया-मनी लॉन्डरिंग मामले में गुरुवार (15 मार्च) को एक और नया मोड़ आ गया। अब कार्ति चिदंबरम के मनी लॉन्डरिंग से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह सारे मामले अपने पास ट्रांसफर कर लिए हैं और इन पर 26 मार्च को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि तब तक कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक का आदेश बरकरार रहेगा यानि 26 मार्च तक कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मनी लॉन्डरिंग कानून की धारा 19 को भी परिभाषित करेंगे। धारा 19 के तहत प्रवर्तन निदेशालय को किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। हालांकि परवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाइकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत हाइकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

इससे पहले गुरुवार (15 मार्च) को दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्ति के वकील की याचिका पर गिरफ्तारी पर रोक की अवधि 20 मार्च से बढ़ाकर 22 मार्च कर दी थी। कार्ति के अधिवक्ता ने दिल्ली हाईकेर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आई एस मेहता की पीठ को सूचित किया था कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल 20 मार्च को उपलब्ध नहीं हो पाएंगे जिसके बाद पीठ ने सुनवाई की तारीख 22 मार्च कर दी थी। हाईकोर्ट ने 9 मार्च को ईडी को निर्देश दिया था कि धन शोधन मामले में वह 20 मार्च तक कार्ति को गिरफ्तार नहीं करें।

उधर कार्ति चिदंबरम की जमानत अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में कल शुक्रवार 16 मार्च को सुनवाई होगी। कार्ति फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। आइएनएक्‍स मीडिया केस में सीबीआइ ने 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से कार्ति को गिरफ्तार किया था। यह मामला 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आइएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है।

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