Indian Railways: अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। इंडियन रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है। कोरोना काल में रेलवे ने जिन ट्रेनों को बंद कर दिया था अब फिर से उन्हें चलाने का आदेश दिया है। रेलवे ने करीब 500 बंद पैसेंजर ट्रेनों को फिर से चलाने के बारे में आदेश जारी किया है। साथ ही करीब 100 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें भी जल्द ही पटरी पर रफ्तार भरने के लिए उतारी जाएगी।

Indian Railways: कोरोना से पहले 2800 ट्रेनें चलती थीं
गौरतलब है कि कोरोना काल से पहले रेलवे ट्रैक पर करीब 2800 पैसेंजर ट्रेनें चलती थीं। अभी 2300 पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। वहीं, 1770 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। एक हफ्ते में 1900 से ज्यादा मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलने लगेंगी। सभी बंद पड़ी ट्रेनों का परिचालन एक हफ्ते के भीतर शुरू किया जाएगा।
रेलवे के द्वारा दी गई इस खबर से लोकल यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। साल 2020 में कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया था। जिसके बाद सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया। कोरोना के केस कम होने के बाद धीरे- धीरे बंद ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू किया गया।

अब उत्तर रेलवे ने 90 अनरिजर्व्ड मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है। ये ट्रेनें एक अगस्त से 10 अगस्त के बीच शुरू की जाएंगी। नए आदेश में यात्रियों से पुराने पैसेंजर साधारण कैटेगरी का ही किराया लेने का आदेश है।
Indian Railways: वंदे भारत ट्रेन का नया संस्करण उतारेगी रेलवे
दूसरी ओर, भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेन के नए संस्करण को उतारने की तैयारी कर रही है। देश में इस तरह की यह तीसरी रेल होगी और इसे 12 अगस्त को चेन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) से परीक्षण के लिए रवाना किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस ट्रेन के नवंबर से दक्षिण भारत में एक विशेष मार्ग पर चलने की संभावना है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार, सेमी हाई स्पीड (160-200 किलोमीटर प्रति घंटा) वंदे भारत का परीक्षण 15 अगस्त से पहले शुरू कर दिया जाएगा।

Indian Railways: रेलवे गूगल मैप की मदद से उम्मीदवारों को आवंटित करेगा परीक्षा केंद्र
रेलवे पहली बार परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को उनके निवास स्थान से 300 किलोमीटर के दायरे में परीक्षा केंद्र आवंटित करने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करेगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य उम्मीदवारों को यात्रा पर खर्च होने वाले समय को कम करना है। दशकों से आरआरबी की परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की शिकायत रही है कि परीक्षा केंद्र उनके निवास स्थान से दूर बना दिया जाता है, जिसकी वजह से उन्हें न केवल लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, बल्कि निवास और खाने-पीने पर अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़ते है।
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