यूपी के बस्ती में हुई एक शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल यहां एक दूल्हे ने अमेरिकन दुल्हन से शादी की है। उनकी शादी में भारतीय परंपरा के मुताबिक रस्मो रिवाज हुए। दोनों चाहते तो अमेरिका में ही एक दूजे के हो जाते, लेकिन दुल्हन का कहना था कि जब पति हिन्दुस्तानी है तो शादी भी भारतीय परंपरा के हिसाब से होनी चाहिए।
मिर्जापुर के चुनार थानांतर्गत कोलना गांव के रहने वाले डॉ.गुलाब सिंह भारत सरकार की तरफ से अप्रैल 2004 में यूनओ (संयुक्त राष्ट्र) में गए। वहां से वह 2015 में रिटायर हुए। वह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, उनकी नौकरी और पत्नी को ध्यान रखते हुए आज भी अमेरिका की न्यूयार्क सिटी में ही रहते हैं। बेटा श्रीश न्यूयार्क यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर फाइनेंस की पढ़ाई कर रहा था।
श्रीश ने कहा, ”2004 में न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही मूलत: रुस की रहने वाली मैथमेटिक्स मकैनिकल से इंजीनियरिंग पढ़ने वाली एरिना से दोस्ती हुई। अमेरिका में ही दोनों बड़े भाई कांस्टेटीन और मार्क का बिजनेस होने के नाते एरिना भी अमेरिका में ही बस चुकी हैं।” ”पढ़ाई के दौरान हुई दोस्ती समय के साथ गहरी होती गई। अंतत: हम दोनों ने एक दूजे का होने का फैसला किया। भारत में शादी में करने की इच्छा एरिना की ही थी।”
श्रीश के पिता गुलाब सिंह की ससुराल बस्ती के कप्तानगंज थानांतर्गत खजुहा गांव में है। मामा प्रेम प्रकाश चौधरी ने कहा, ”मिर्जापुर काफी दूर होने के चलते शादी बस्ती में करने का निर्णय लिया गया।”
”वर पक्ष से मिर्जापुर से नात-रिश्तेदार आए थे तो वधू पक्ष से अमेरिका से एरिना के दोनों भाई कांस्टेटीन और मार्क आए थे। श्रीश और एरिना दोनों न्यूयार्क में ही एक प्राइवेट कंपनी सिटी ग्रुप में कार्यरत हैं। पूरा वैवाहिक कार्यक्रम नाना धर्मराज की देखरेख में संपन्न हुआ।”
एरिना ने कहा, ”जब पति हिन्दुस्तानी हैं तो शादी भी यहीं के रस्मो रिवाज के मुताबिक होनी चाहिए। ताकि भविष्य में श्रीश के घर वालों और मेरे मन में कभी इस बात का मलाल न रहे कि हमनें अपनी परंपरा भुला दी।””मैं भले ही अमेरिका की हूं लेकिन इस शादी के बाद अब भारतीय बहू हूं। अब भारत ही मेरा देश और यहां की संस्कृति मेरी पहचान है।”