प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस में विश्व इकोनॉमिक फोरम के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने पूरा भाषण हिंदी में दिया। उन्होंने कहा कि WEF की 48वीं बैठक में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। पीएम मोदी ने स्विस सरकार को उनके स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत वसुधैव कुंटुंबकम को मानता है।भारत का लोकतंत्र देश की स्थिरता, निश्चितता और सतत विकास का मूल आधार है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब 1997 में देवगौड़ा यहां आए थे। उस समय भारत के जीडीपी 400 बिलियन डॉलर था लेकिन आज दो दशक के बाद अब जीडीपी 6 गुना बढ़ चुका है। आज की स्थितियां काफी बदल गई है। उन्होंने कहा कि टेक्नॉलोजी ने दुनिया को बदल दिया है। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि डेटा ही दुनिया का भविष्य है जो भी इस पर काबू रखेगा वही आगे जाएगा।

मोदी ने साइबर सिक्यॉरिटी और न्यूक्लियर टेक्नॉलजी को दुनिया के लिए महत्वपूर्ण बताया है। आज टेक्नॉलोजी ने पूरी दुनिया बदल दी है। आज टेक्नॉलोजी सुविधा के साथ-साथ चुनौती भी है।

पीएम मोदी ने  तीन प्रमुख चुनौतियों को मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया, पहला क्लाइमेट चेंज, ग्लेशियर पीछे हटते जा रहे है। बहुत गर्मी, बेहद बारिश, बहुत ठंड। पीएम मोदी ने दूसरी सबसे चुनौती आतंकवाद को बताया और कहा कि पूरी दुनिया इससे परिचित है। हम साथ मिलकर इससे लड़ना होगा।  उन्होंने कहा कि आतंकवाद जितना खतरनाक है उससे ज्यादा खतरनाक बुरे और अच्छे आतंकवादी के बीच भेद को स्वीकार करना है। पीएम मोदी वने मानवता के लिए तीसरी बड़ी चुनौती आत्मकेंद्रित होने को बताया। ग्लोबलाइजेशन अपने नाम के विपरीत सिकुड़ता जा रहा है। ग्लोबलाइजेशन के बीच आत्मकेंद्रित होना बड़ी चिंता की बात है।

उन्होंने कहा कि 1997 में चिड़िया ट्वीट करती थी, अब मनुष्य करते हैं। तब अगर आप अमेज़न इंटरनेट और जंगल की तस्वीर आती थी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का भरोसा जोड़ने में है, तोड़ने में नही।. पूरी दुनिया को जोड़ने में है । भारत वसुधैव कुंटुंबकम को मानता है। सहयोग- सवांद से सभी मतभेदो को निपटाया जा सकता है। हम बहु ध्रवीय विश्व व्यवस्था में विश्वास रखते है। भारत हमेश शांति, स्थिरता और विकास के लिए तत्पर है।

पीएम मोदी ने कहा कि संसाधनों को जरूरत के हिसाब से उपयोग करना चाहिए। लालच की पूर्ति के लिए संसाधनों का उपभोग सही नहीं है।

आज का भारत महात्मा गांधी के दर्शन को अपनाते हुए विश्व भर से जीवनदायिनी तरंगों का स्वागत कर रहा है। दोस्तों, भारत का लोकतंत्र देश की स्थिरता, निश्चितता और सतत् विकास का मूल आधार है, लोकतंत्र भारत के लिए एक जीवन दर्शन है। बदलते हुए समय के साथ चुस्त और लचीली नीतियां बनाना वैश्वीकरण के सामने चुनौती है।