पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (5 जनवरी) को सुनवाई हुए। सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इस पर अपनी रिपोर्ट दाखिल की।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि दीपावली के बाद हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी। इस दौरान PM 10 और PM 2.5 में सामान्य दिनों के मुकाबले इज़ाफ़ा हुआ लेकिन 2016 के मुकाबले दिवाली के अगले दिन PM 2.5 में 39 फीसदी की कमी दर्ज की गई। इसी तरह सल्फर में 20 फीसदी और पोटेशियम में 30 फीसदी की कमी रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई और तत्वों में 11 से 64 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। हालांकि स्वास्थ्य पर इसके असर को लेकर अभी बहुत कुछ कहना मुमकिन नहीं। इसके लिए लंबे समय तक एक व्यापक अध्ययन की ज़रूरत है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 2016 के मुकाबले प्रदूषण पर फर्क पड़ा है और PM 2.5 का स्तर भी 2016 के मुकाबले कम हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट से भी इस मामले को जल्द निपटाने के लिए कहा है। हाइकोर्ट ने वहां भी पटाखों के जलाने पर रोक लगा रखी है। पंजाब-हरियाणा कि तरफ से कहा गया कि वहां सिर्फ रात 8 बजे से रात 10 बजे तक रोक है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिवाली से ठीक पहले दिल्ली NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी और कहा था कि 1 नवंबर के बाद ही पटाखों की बिक्री हो सकेगी लेकिन याचिकाकर्ता ने पूरी तरह से पटाखों पर रोक की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई अब 2 हफ्ते बाद होगी।