Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम पहले NCLT बार एसोसिएशन के अधिकार क्षेत्र पर विचार करेंगे। इसके बाद NCLT के सदस्यों का कार्यकाल को 2 साल कम किए जाने के मामले की सुनवाई करेंगे। क्योंकि NCLT सदस्यों का कार्यकाल तीन साल किए जाने के आधार पर नियुक्त किसी भी सदस्य ने केंद्र सरकार की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है।
सुनवाई के दौरान NCLT के न्यायिक सदस्य के आग्रह को कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक न्यायिक सदस्य को कानून के तरीके बताकर उसे शर्मिंदा नहीं करना चाहते। राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने NCLT सदस्यों का कार्यकाल 3 साल तय करने वाली अधिसूचना पर फिलहाल दखल देने से इंकार किया।
Supreme Court: मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को
कोर्ट ने कहा कि क्या हमें किसी न्यायिक सदस्य को यह बताना होगा कि सुनवाई में हस्तक्षेप का तरीका क्या है?कोर्ट ने उनसे कहा कि पहले आप हस्तक्षेप याचिका दाखिल करें।इसके बाद मामले पर अपना पक्ष रखें।इस मामले पर NCLT के एक न्यायिक सदस्य ने NCLT बार एसोसिएशन की याचिका में पक्ष रखने की मांग का आग्रह किया था।
सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।दरअसल NCLT बार एसोसिएशन ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसमे मंत्रालय ने NCLT के सदस्यों का कार्यकाल 3 साल तय कर दिया है।इस अधिसूचना के तहत 2019 में NCLT के 23 सदस्यों के कार्यकाल को 5 साल के बजाय 3 साल हो गया है।
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