5G Network: दूरसंचार क्षेत्र में विकास के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने क्षेत्र में लाइसेंसिंग सुधारों पर गठित समिति द्वारा जून महीने के अंत तक रिपोर्ट सौंपे जाने की बात कही है। हालांकि, इस समय विभाग आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारियों में जुटा है, लेकिन साथ ही साथ वह सुधारों के दूसरे सेट पर भी काम कर रहा है। इनमें से कुछ सुधारों की घोषणा जुलाई और अगस्त में होने की संभावना है।
विभाग के कई क्षेत्रों में काम हो रहा है
उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग में कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है मसलन लाइसेंसिंग, वायरलेस डब्ल्यूपीसी, सैटेलाइट टेलीफोन आदि जैसे क्षेत्र में काम किया जा रहा है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद दूरसंचार विभाग इस बात का आकलन करेगा कि किन उपायों के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के सलाह की जरूरत है या नहीं और कौन सी विभाग खुद आगे बढ़ सकता है।
बता दें कि यह समिति लाइसेंसिंग सुधारों के विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है। इसमें लाइसेंसिंग के नियम और शर्तों के अलावा लाइसेंसधारकों के लिए चीजें स्पष्ट करना अनिवार्य है। इसके पीछे विचार कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करना है और अनुपालन के बोझ को और कुछ अनावश्यक शुल्कों को कम करने का उद्देश्य है।
गैरजरूरी मंजूरियों को हटाया जाएगा
दूसरा क्षेत्र डब्ल्यूपीसी (वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन) भी सुधारों का है। यह एक प्रक्रियागत सुधार है और इसका मकसद भी चीजों को स्पष्ट करने के साथ प्रक्रिया में कटौती करना है, साथ ही इस सुधार के तहत अनावश्यक शुल्कों और गैरजरूरी मंजूरियों को हटाया जाएगा।
नई चीजें के साथ बदलाव देखने को मिलेंगे
उन्होंने आगे कहा कि सरल संचार पोर्टल को अगले महीने पुनर्गठित किया जाएगा और इसमें नई चीजें और बदलाव देखने को मिलेंगे। इसी तरह सैटेलाइट टेलीफोनी क्षेत्र में सुधारों के तहत नेटवर्क ऑपरेशन एंड कंट्रोल सेंटर (NOCC) शुल्कों को हटाया जाएगा और प्रक्रियाओं को बेहतर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन्हें भी अगले महीने अंतिम रूप दे दिया जाएगा और जुलाई-अगस्त तक आगे ले जाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्ष दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सरकार के साथ एक शॉट मिला था जिसमें एक राहत पैकेज को मंजूरी मिली थी जिसमें कंपनियों के लिए वैधानिक बकाया का भुगतान करने से चार साल का ब्रेक शामिल था।
उन्होंने बताया कि कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया कंपनी ने सरकार को लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुना है। इससे सरकार की कंपनी में करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। वोडाफोन आइडिया के इक्विटी रूपांतरण प्रस्ताव की स्थिति पर डीओटी अधिकारी ने कहा कि मामला अंतिम चरण में है और 7-10 दिनों के भीतर ही इस मामले को स्पष्ट कर दिया जाएगा।
वहीं, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया जैसे कंपनी 114 करोड़ ग्राहकों वाले भारतीय दूरसंचार बाजार में काम करने वाले तीन मोबाइल खिलाड़ी 5 जी सेवाओं के लॉन्च के लिए कमर कस रहे हैं। जो उपभोक्ताओं को 5जी की सेवाएं उच्च गति से प्रदान करेंगी जो कि 4जी की तुलना से 10 गुना तेज होगा। इसके साथ ही कंपनी नए जमाने का बिजनेस मॉडल भी पेश करेगी।
5G Network के लिए 4.3 लाख करोड़ रुपये के एयरवेव की करेगी नीलामी
सरकार 5वीं पीढ़ी या 5G दूरसंचार सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम लगभग 4.3 लाख करोड़ रुपये के एयरवेव की नीलामी करेगी और टेक फर्मों द्वारा कैप्टिव 5G नेटवर्क स्थापित करने के लिए भी अपनी मंजूरी दे दी है। बताते चले कि 26 जुलाई से शुरू होने वाली 5जी नीलामी के दौरान 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा जाएगा।
नीलामी विभिन्न निम्न 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz मध्यम में (3300 MHz) और सबसे तेज (26 GHz) आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी।
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