Satpura Orange:संतरों के शौकीनों के लिए खुशखबरी है, अब वे नागपुर के साथ ही मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के मशहूर सतपुड़ा ऑरेंज का भी जायका चख सकते हैं। दरअसल अपने रसीले और ताजगी भरे संतरों की फसल से छिंदवाड़ा के संतरे अब नागपुर के संतरों को खासी टक्कर भी दे रहे हैं।
ध्यान योग्य है कि सरकार की ‘‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’’ स्कीम के तहत ‘सतपुड़ा ऑरेंज’ कहा जाएगा।इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों ने बाकयदा फल के लिए एक QR कोड भी बनाया है।जिसे किसी व्यक्ति द्वारा कोड स्कैन करते ही किस्म के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी।
Satpura Orange:’वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत हो रहा काम
Satpura Orange: मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बहुत कम लोग जानते हैं कि नागपुर में संतरे का एक बड़ा हिस्सा छिंदवाड़ा जिले से ही पहुंचता है।
इसने नागपुर को ऑरेंज सिटी का टैग दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई है।सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ प्रोत्साहन योजना के तहत छिंदवाड़ा में उगाए जाने वाले संतरे को ‘‘सतपुड़ा ऑरेंज’’ (Satpura Orange) के रुप में जाना जाएगा।छिंदवाड़ा में उत्पन्न होने वाले संतरे की खास पहचान यह है कि इनका छिलका पतला होता है और ये मीठे और रसीले होते हैं।
Satpura Orange: इन्हीं खास गुणों के कारण किसान सीधे संतरे मल्टीनेशनल कंपनियों को बेच रहे हैं। ये संतरे छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना, सौसर, बिछुआ और दूसरे ब्लॉक में लगभग 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उगाए जाते हैं।
जानकारी के अनुसार एक क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है।जिसमें से 60 से 70 प्रतिशत नागपुर के व्यापारियों द्वारा प्राप्त किया जाता है।वहां से यह दूसरे राज्यों और बांग्लादेश में पहुंचता है।
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