Nautapa 2022: सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा का प्रारंभ माना जाता है। इस बार नौतपा ज्योतिष की दृष्टि में शुभ संकेत नहीं दे रहे है, क्योंकि 25 मई को सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जाते ही आंधी, तूफान के साथ ही आपदाओं की स्थिति बन रही है। जोकि अच्छा साबित नहीं होगा। यह स्थिति कई क्षेत्रों में अशुभ संकेत की ओर इशारा कर रही है। इस साल नौतपा 25 मई दिन बुधवार से शुरू होने जा रहा है जोकि दो जून गुरुवार तक रहेगा।
नौतपा के नौ दिनों में सूर्य देव प्रचंड स्वरुप में रहते हैं। इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं तो नौतपा प्रारंभ होता है। रोहिणी नक्षत्र में आते ही पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है। इस समय में सूर्य देव 14 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते हैं। इनमें से शुरू के 9 दिन सबसे ज्यादा गर्म होते हैं, जिसे नौतपा के रूप में जाना जाता है।
Nautapa 2022: जानिये नौतपा 2022 प्रारंभ होने का समय
सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 25 मई, दिन बुधवार को सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर होगा। सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर समाप्ति आठ जून, दिन बुधवार, सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य की ऐसी स्थिति अमंगलकारी और अशुभ का संकेत दे रही है।ग्रहों की मौजूदा स्थिति को देखकर देश के पूर्वी-पश्चिमी और दक्षिणी भाग में दैवीय आपदाएं आने की आशंका बन रही है।इस स्थिति में कोई भी कार्य करने से पूर्व सोच विचार कर लेना चाहिए।
Nautapa 2022: नौतपा के दौरान मांगलिक कार्य करने से बचें
Nautapa 2022: नौतपा के नौ दिनों में आंधी, तूफान की आशंकी बनी रहती है। ऐसे में शादी, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए। सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है, इस स्थिति में यात्रा करने से बचें अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। नौतपा के समय में तेल, मसाला, गरिष्ठ भोजन करने से बचना चाहिए।
Nautapa 2022: इन दिनों में अत्यधिक भोजन करना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। इस समय में मांसाहार या तामसिक भोजन न करें। ये सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। नौतपा के समय में हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जो आसानी से पच सके।हो सके तो पानी का अधिक से अधिक सेवन करें, ताकि शरीर में जल की कमी न हो।
पशु पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें। छत पर या खुले में पक्षियों के लिए दाना पानी रखें. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। नौतपा में लोगों को शीतल जल पिलाएं। घर के बाहर मिट्ठी के घड़े में पानी रख सकते हैं। वैसे भी ज्येष्ठ माह में जल का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
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