मूडीज के बाद एक अन्य अतंरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी मोदी सरकार के कामकाज को सराहा है। हालांकि स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई बदलाव नही किया लेकिन इसे बीबीबी पर ही कायम रखा है। S&P ने मोदी सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की है।
आपको बता दें कि S&P इससे पहले जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग बदली थी। तब उसने भारत को BBB- रेटिंग दी थी। यह रेटिंग बॉन्ड्स के निवेश में सबसे निचली रेटिंग होती है। 2007 में रेटिंग एजेंसी ने आउटलुक स्थायी किया था, लेकिन 2009 में इसे बदलकर ‘निगेटिव’ कर दिया था। इसके बाद फिर 2010 में इसे स्थाई कर दिया गया था।
यही हाल आगे भी रहा रेटिंग एजेंसी ने 2012 में भारत का आउटलुक ‘निगेटिव’ कर दिया था, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद 2014 में फिर रेटिंग ‘स्थाई’ कर दी गई थी। हालांकि रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। तब से लेकर अब रेटिंग BBB- ही है।
आपको बता दें कि इससे पहले मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को सुधारा है। एजेंसी ने भारत को BAA3 ग्रुप से उठकर BAA2 ग्रुप में रखा। मूडीज़ की इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत के द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं। इस रेटिंग में करीब 13 साल बाद बदलाव हुआ है, इससे पहले 2004 में भारत की रेटिंग BAA3 थी। इससे पहले 2015 में रेंटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव की कैटेगिरी में रखा गया था।
इससे पहले विश्व बैंक ने भी मोदी सरकार के काम की सराहना करते हुए व्यापार सुगमता के मामले में भारत की रेटिंग सुधारी थी। नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर चिंताजनक रुझानों के बीच विश्व बैंक ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में 30 स्थानों का सुधार किया था। भारत इस इंडेक्स में 100वें स्थान पर पहुंच गया है।
मूडीज की रैंकिंग आने पर कांग्रेस खेमा बीजेपी को घेरने में लग गया था। टाटा लिटरेचर लाइव में पी चिदंबरम ने कहा था कि, ‘‘कुछ ही महीने पहले सरकार ने कहा था कि मूडी के तरीके गलत हैं। वहीं शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव) ने मूडीज के रेटिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए लंबा पत्र लिखा था। उन्होंने मूडीज की रेटिंग के तरीके को कमजोर बताते हुए सुधार करने की मांग की थी।’’ ऐसे में अब अतंरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी मोदी सरकार के कामकाज को सराहा है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस पर क्या कहती है।