ईरान-इराक कई बार भूकंप के चपेट में आ चूका हैं जिससे उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। पांच साल पहले भी ईरान-इराक में दो बड़े भयानक भूकंप आए थे जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई थी। अगस्त 2012 में भी ईरान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में दो जबर्दस्त भूकंपों में 339 लोग मारे गए और हज़ारो से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
वहीं रविवार (12 नवंबर) को ईरान-इराक बॉर्डर के पास 9:18 मिनट पर 7.2 की तीव्रता से भूकंप आया जिसमें करीब 164 लोगों की मौत हुई और करीब 1600 से ज्यादा लोगों के घायल हुए। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप की वजह से दोनों देशों में काफी नुकसान हुआ है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि इस भूकंप का केंद्र इराकी शहर हलब्जा से 31 किलोमीटर दूर था। इराक में भूकंप के झटके बगदाद तक महसूस किए गए।
भूकंप के कारण कई स्थानों में शहर मलबे में तब्दील हो गए और कई जगहों पर भूस्खलन की भी खबर है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बहुत दिक्कतें आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। भूकंप के कारण क्षेत्र में 20 से अधिक गांव नष्ट हो गए हैं और बिजली एवं पानी की सप्लाई बाधित हो गई है।
पश्चिम में भूकंप से 61 लोगों की जान गई है और 300 से ज्यादा घायल हैं। भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। ईरान के करमानशाह प्रांत के डिप्टी गवर्नर मोजतबा निक्केरदर ने कहा, “हम तीन आपात राहत शिविर स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं।”
आपको बता दें कि 2003 में ईस्टर्न सिटी में 6.6 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया था, जिसमें भारी नुकसान हुआ था और इस तबाही में 25,000 लोगों की मौत हो गई थी।