Jahangirpuri Bulldozer Action: 16 अप्रैल को हुई जहांगीर पुरी हिंसा को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जुटी थी जिसके बाद 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, बीजेपी ने मांग की थी कि जहांगीर पुरी की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जाए। इसके बाद 20 और 21 अप्रैल को बुलडोजर अभियान चलाया गया। लेकिन वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें नोटिस दिए बिना ही ये कार्रवाई की गई है।

Jahangirpuri Bulldozer Action: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका
Jahangirpuri Bulldozer Action: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक लगाने के लिये याचिका दायर कर दी। इस बुलडोजर अभियान को लेकर विपक्ष के वकील दुष्यंत दवे ने कहा की प्रशासन की ये कार्रवाई 2 बजे शुरू होनी थी लेकिन जैसे प्रशासन को पता लगा कि हम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हैं इन्होंने 9 बजे ही कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए बुलडोजर अभियान को रोकने का आदेश दिया लेकिन उसके बाद भी लगभग 2 घंटे तक MCD वाले तोड़फोड़ करते रहे। इसके बाद तकरीबन 2 बजे उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हम यह कार्रवाई बंद कर रहे हैं।

Jahangirpuri Bulldozer Action: “एक ही समुदाय को किया जा रहा टारगेट”
Jahangirpuri Bulldozer Action: याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने FIR में बताया कि 16 अप्रैल को निकाले जाने वाले जुलूस के बारे में पहले से सूचना नहीं दी गई थी। लेकिन इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुद्दे की बात की जाए। तब दवे ने कहा कि जब गलती दोनों समुदाय की है तो बस अल्पसंख्यक ही इसके तहत दोषी क्यों ठहराए जा रहे हैं।
साथ ही दवे ने कहा ये बुलडोजर अभियान से पहले उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा दिल्ली में कुल 1731 अनाधिकृत कॉलोनियां हैं लेकिन टारगेट गरीब लोगों को बनाया जा रहा है। वहीं, कपिल सिब्बल भी याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं की वकील ने कोर्ट में कहा है कि इसके जरिए सिर्फ मुस्लमानों को टारगेट किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “कल का अभियान सिर्फ फुटपाथ साफ करने के लिए चलाया गया था”
Jahangirpuri Bulldozer Action: मामले की सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जहांगीर पुरी में हुई पूरी घटना की जानकारी ली जा चुकी है। वहां बुलडोजर अभियान केवल फुटपाथ साफ करने के लिए चलाया जा रहा था। ये अभियान जनवरी से लगातार चलाया जा रहा है और इस महीने की कार्रवाई 19 अप्रैल को होनी थी। लेकिन इसने गलत रूप इसलिए ले लिया क्योंकि इसमें संगठनों ने दखलअंदाजी करना शुरू कर दिया था।
2021 में मार्केट एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर की गई थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया था। साथ ही सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि एक ही समुदाय को टारगेट किया जा रहा है क्योंकि मध्यप्रदेश के खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिन्दुओं के घर और दुकानों का नुकसान हुआ है।

Jahangirpuri Bulldozer Action: दो हफ्तों के लिए टली कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दो हफ्तों के लिए टाल दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि यथास्थिति को बनाएं रखा जाए। कोर्ट ने कहा है कि सभी एक दूसरे की दलीलों का जवाब देते रहें और मामले पर कोर्ट की पूरी नजर बनी हुई है। यदि आदेश के बाद भी कार्रवाई की जाती है तो कोर्ट इस पर कड़ा फैसला लेगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि यथास्थिति बनाएं रखने का निर्देश केवल दिल्ली के लिए है।
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