Corona Cases in India: भारत में एक बार फिर कोरोना का कहर बढ़ता दिख रहा है। देश के तीन राज्यों में कोरोना के नए मामले सबसे अधिक देखे जा रहे हैं। इसमें गुजरात में 89 फीसदी, हरियाणा में 50 फीसदी और दिल्ली में 26 फीसदी तक मामले बढ़े हैं। सबसे डरावना तो ये है कि गुजरात में कोरोना के XE वैरिएंट से एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया है। मामले को देखकर कहा जा रहा है कि चौथी लहर आने वाली है। अमेरिका और चीन में बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5 राज्यों को चेतावनी जारी कर दी है।
Corona Cases in India: इन राज्यों पर मंडरा रहा है खतरा
- भारत में रोजाना आने वाले कोरोना मामलों की बात करें तो 11 अप्रैल को कोरोना के 861 नए केस ही आए थे। कई राज्यों में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं अन्य राज्यों में केस दिख नहीं रहे हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि हालात बहुत खराब हो सकते हैं।
- गुजरात, हरियाणा और दिल्ली में कोरोना के वीकली मामले में उछाल देखा गया है। राजधानी में 4-10 अप्रैल के बीच कोरोना के 943 मामले आए हैं। पिछले सप्ताह के मुकाबले 26 फीसदी अधिक है। पिछले सप्ताह दिल्ली में महज 751 मामले ही आए थे।
- दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग भी कम कर दी गई है, इसके बाद भी मामलों मे तेजी दिख रही है। पिछले कुछ दिनों से यहां पॉजिटिविटी रेट 1 फीसदी से अधिक बना हुआ है। ऐसे में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश को खतरा है क्योंकि ये राज्य दिल्ली से सटे हुए हैं।
- हरियाणा में कोरोना के मामले पिछले 1 हफ्ते में अधिक रिकॉर्ड किए गए हैं। यहां कोरोना का मामला 50 फीसदी तक बढ़ा है। इस हफ्ते हरियाणा में कोरोना के 514 केस आए। वहीं पिछले हफ्ते सिर्फ 344 केस आए थे।
- गुजरात में 3 दिनों से मामले बढ़ रहे हैं। गुजरात में इस हफ्ते कोरोना के 115 केस आए हैं। यह पिछले हफ्ते आए 61 केस से 89% ज्यादा है।
- इससे इतर कर्नाटक तेलंगाना और महाराष्ट्र में कोरोना केस में कमी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में इस हफ्ते 776 केस आए हैं जो पिछले हफ्ते आए 885 केस की तुलना में कम हैं। हालांकि, इस हफ्ते महाराष्ट्र में कोरोना से 27 मौतें हुईं, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।
Corona Cases in India: स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्ती
हालात खराब हों इससे पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम की सरकारों को चिट्ठी लिखी है। राज्यों को अलर्ट रहने और संक्रमण दर बढ़ने के कारणों का पता लगाने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य सचिव ने खत में लिखा है, संक्रमण वाले राज्य हालात की गंभीरता से समीक्षा करें और जरूरी होने पर कोविड-19 को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी करें।
Corona Cases in India: IIT Kanpur ने क्या कहा?
- कोरोना को लेकर आईआईटी कानपुर के दावे दो बार सटीक साबित हुए हैं। आईआईटी कानुपर ने चौथी लहर आने की तारीख भी बता दी है। 24 फरवरी को पब्लिश इस नई कैलकुलेशन के अनुसार देश में 22 जून से चौथी लहर शुरू हो जाएगी। 23 अगस्त तक यह पीक पर पहुंचेगी और कम से कम अक्टूबर तक चलेगी।
- ये स्टडी IIT कानपुर के मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शलभ, एसोसिएट प्रोफेसर शुभ्रा शंकर धर और उनके स्टूडेंट सब्र प्रसाद राजेशभाई ने की है। तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानुपर के दावे सच साबित हुए थे। इससे चौथी लहर को लेकर डर बैठ गया है।
- शोध में बताया गया है कि भारत में कोरोना का पहला केस आने के 936 दिन बाद चौथी लहर कहर मचा सकती है। जाहिर है भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को सामने आया था।
Corona Cases in India: क्या है XE वेरिएंट?
- साल 2021 में नवंबर माह में साउथ अफ्रीका में मिला कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन ही इस साल दुनिया में पाए गए कोरोना के 90 फीसदी मामले के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।
- ओमिक्रॉन के तीन सब-वैरिएंट हैं- BA.1, BA.2 और BA.3, लेकिन पहले दोनों सब-वैरिएंट ही ज्यादा घातक हैं, जबकि BA.3 उतना संक्रामक नहीं है।
- अब जो कोरोना का नया वेरिएंट XE आया है, वो ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.1 और BA.2 के कॉम्बिनेशन से बना है, यानी ये ‘रिकॉम्बिनेंट’ या हाइब्रिड वैरिएंट है।
- दो पहले से मौजूद वैरिएंट के कॉम्बिनेशन से रिकॉम्बिनेंट वायरस बनता है। ये वायरस लगातार हो रहे म्यूटेशन यानी परिवर्तन की वजह से होता है।
- व्यक्ति के एक ही समय पर दो कोरोना वैरिएंट से संक्रमित होने से उसके शरीर में इन दोनों वैरिएंट के जेनेटिक मैटीरियल मिल जाते हैं, जिससे बनने वाले वैरिएंट को ‘रिकॉम्बिनेंट’ कहते हैं।
- जानकारों के मुताबिक, फिलहाल भारत को XE वैरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं है, क्योंकि ये ओमिक्रॉन से जुड़ा सब-वैरिएंट है, जिसकी लहर हाल ही में देश से गुजरी है और जिससे देश में करीब 50-60% लोग संक्रमित हुए थे।
Corona Cases in India: नया वेरिएंट है कितना खतरनाक?
- XE ओमिक्रॉन के ही दो सब-वैरिएंट के म्यूटेशन से बना है, ऐसे में संभव है कि देश में XE वैरिएंट के केस पहले ही मौजूद हों, लेकिन अभी उनकी पहचान होना बाकी हो।
- साथ ही भारत 27 मार्च से दुनिया के सभी देशों के लिए इंटनेशनल फ्लाइट्स का ऑपरेशन शुरू कर चुका है। ऐसे में विदेशों से भी XE समेत किसी भी वैरिएंट के आने का खतरा बरकरार रहेगा।
- ऐसे में वैक्सीन और ओमिक्रॉन से पैदा हुई इम्यूनिटी इतनी जल्दी खत्म होने की संभावना नहीं है। भारत के लोगों को नए वेरिएंट से अधिक खतरा नहीं दिख रहा है।
Corona Cases in India: कोरोना का खतरा
अब तक की रिसर्च से पता चला है कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के 8-9 महीने के बाद एंटीबॉडी कम होने लगती है। ऐसे में कोरोना होने का खतरा बना रहता है। इसलिए एंटीबॉडी बनाए रखने के लिए कोरोना की बूस्टर डोज की जरूरत पड़ती है।
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