Varanasi Civil Court: वाराणसी सिविल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए श्रृंगार गौरी मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए वकील अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने तीन दिनों की बहस के बाद शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट कमिश्नर और सभी पक्षकारों की मौजूदगी में पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
Varanasi Civil Court: 20 अप्रैल को देनी होगी रिपोर्ट
इस प्रक्रिया के लिए पुलिस बल के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोर्ट का यह आदेश क्षेत्र की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था को देखकर दिया गया है। हालांकि इससे पहले भी मामले पर रिपोर्ट देने के लिए वकील अजय पांडेय और फिर वकील अजीत कुमार पुष्कर को कोर्ट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया था।
इन दोनों ने स्वास्थ्य और अन्य समस्याओं का हवाला दिया, जिसकी वजह से कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं हो सका। अब अदालत ने नए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति कर पुलिस व्यवस्था और वीडियोग्राफी के साथ कमीशन की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए 20 अप्रैल की तारीख रखी है।
Varanasi Civil Court: क्या है मामला?
गौरतलब है कि हिंदू धर्म-दर्शन में श्रृंगार गौरी को 9 देवियों में से एक माना गया है, जो वाराणसी में विराजमान है। मां श्रृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी इलाके में स्थित है। इस मंदिर में मां श्रृंगार गौरी की मूर्ति प्रतिष्ठित है।
मंदिर के पुरोहित गुलशन कपूर के मुताबिक 1992 के पहले यहां हर रोज पूजा-अर्चना की जाती थी। हालांक विवाद सामने आने के बाद सिर्फ नवरात्रि के अंतिम दिन मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई। स्थानीय निवासियों के मुताबिक 1998 में तत्कालीन कमिश्नर ने मां श्रृंगार गौरी में दर्शन-पूजन पूरी तरह से बंद करवाए थे। यह निर्णय 1992 में सामने आए विवाद के बाद लिया गया था।
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