‘पहले मतदान-फिर जलपान’ का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब खुद मतदान करने के अधिकार से वंचित हो गए हैं। जहां से वे लगातार 20 साल तक सांसद थे, वहीं के मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है।
चुनाव अधिकारियों ने कई साल से लखनऊ नहीं आने की वजह से उनका नाम मतदाता सूची से हटाया है। अधिकारियों ने बताया कि मतदाता पुनर्निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान वाजपेयी का नाम हटाया गया क्योंकि वे नगर निगम में दिए अपने पते के मकान में कई वर्षों से नहीं रह रहे हैं।
आपको बता दें कि अटल लखनऊ के बाबू बनारसी दास वार्ड से वोटर थे और उन्होंने आखिरी बार 2000 में नगर निगम चुनाव के लिए वोट डाला था। हालांकि वह 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने लखनऊ से ही वोट डाला था। लेकिन इसके बाद वह कभी भी लखनऊ में नजर नहीं आए।
नगर निगम जोन-एक के जोनल अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वाजपेयी नगर निगम में दिए अपने पते के मकान में कई वर्षों से नहीं रह रहे हैं, इस कारण उनका नाम हटाया गया है। सिंह ने बताया कि मतदाता सूची में जो पता दर्ज था वह इस समय किसान संघ का कार्यालय है। इस सूची के मुताबिक उनका लखनऊ में ठिकाना बासमंडी स्थित मकान नंबर 92/98-1 था लेकिन वह 10 साल से शहर में नहीं आए हैं।
फिलहाल दिल्ली में रहते हैं वाजपेयी
भारत रत्न वाजपेयी फिलहाल दिल्ली के लुटियन जोन स्थित 6-ए कृष्ण मेनन मार्ग पर रहते हैं। स्वास्थ्य कारणों से वह अब लगभग अज्ञातवास की तरह रहते हैं और ज्यादा किसी से मुलाकात भी नहीं करते। हालांकि, लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे नेता अक्सर उनका हाल-चाल लेने उनके आवास पर जाते रहते हैं।