Nepal सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री Prem Ale ने हाल ही में नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा, ”अगर बहुसंख्यक आबादी इसके पक्ष में है तो जनमत संग्रह के जरिए ऐसा किया जा सकता है। गौरतलब है कि कई सालों से नेपाल को एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की जा रही है।
काठमांडू में विश्व हिंदू महासंघ की दो दिवसीय कार्यकारी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रेम एले ने कहा, ”नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग पर विचार किया जा सकता है और अगर ऐसी मांग आती है तो मैं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाउंंगा। चूंकि पांच दलीय गठबंधन वाली मौजूदा सरकार के पास संसद में दो-तिहाई बहुमत है, इसलिए नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को जनमत संग्रह में रखा जा सकता है।”
Nepal में जनमत संग्रह क्यों नहीं हुआ?
मंत्री Prem Ale ने सवाल किया, ‘हमारे संविधान ने देश को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया है। लेकिन अगर बहुसंख्यक आबादी हिंदू राष्ट्र के पक्ष में है, तो Nepal को जनमत संग्रह के माध्यम से हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं घोषित किया गया?’ आप सभी जानते ही होंगे कि वर्ष 2006 के जन आंदोलन में राजशाही समाप्त होने के बाद 2008 में नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था। हां, और नेपाल में बहुसंख्यक हिंदू आबादी है।’
Kathmandu में कार्यक्रम के दौरान वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने नेपाल को एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग उठाई थी। दरअसल कार्यकारी परिषद की बैठक में नेपाल, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन सहित 12 देशों के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
यह भी पढ़ें:
Nepal भाग जाने के लग रहे कयास, Ashish Mishra के पेश न होने पर अब जारी हुआ दूसरा समन