Steel Road Of Gujarat: गुजरात में देश की पहली स्टील सड़क बनाई गई है। यह नाम सुनकर तो ऐसा लग रहा होगा कि ये सड़क स्टील की होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। देश में हर साल स्टील प्लांट से कई मिलियन टन कचरा निकलता है। अब तो कई जगह इस स्लैग से पहाड़ तक बन गए हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार इस स्लैग यानी कचरे का इस्तेमाल देश के विकास कार्यों में करने का फैसला किया है और कर भी रही है। एक लंबे प्रयास के बाद गुजरात में देश की पहली स्टील सड़क का निर्माण किया गया है। स्टील के कचरे से बनी इस सड़क में 6 लेन हैं।
Steel Road Of Gujarat: ऐसे बनती है स्टील सड़क
Steel Road Of Gujarat: स्टील सड़क बनाने के लिए सबसे पहले स्टील प्लांट से निकले कचरे की गिट्टी बनाई जाती है। इसके बाद इन गिट्टियों का इस्तेमाल सड़क बनाने के लिए किया जाता है। यह सड़क गुजरात के हजीरा पोर्ट के पास बनी है, जहां भारी- भरकम ट्रकों के आवाजाही के कारण 1 किलोमीटर तक की सड़कें खराब हो गई थी। एक्सपर्ट का कहना है कि स्टील सड़क काफी मजबूत और टिकाऊ है, इसे जल्द से जल्द से पूरे देश में बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
Steel Road Of Gujarat: ट्वीट कर दी गई जानकारी
Steel Road Of Gujarat: यह सड़क ArcelorMittal Nippon Steel India ने CSIR India, Central Road Research Institute (CRRI) और सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के साथ मिलकर बनाया है।
इस सड़क निर्माण को लेकर कंपनी ने ट्वीट कर कहा, “हम राष्ट्रीय राजमार्ग विकास के लिए एक रोडमैप की सुविधा प्रदान करके खुश हैं। 100 प्रतिशत संसाधित स्टील स्लैग से बने सड़क निर्माण के प्रतिष्ठित परियोजना का हिस्सा बनकर हमें बेहद गर्व महसूस हो रहा है।” साथ ही कंपनी ने इस्पात मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय के समर्थन की भी सराहना की।
CSIR की ओर से भी ट्वीट कर कहा गया कि वह स्लैग एग्रीगेट्स, रिक्लेम्ड डामर, वेस्ट प्लास्टिक, क्रम्ब रबर, सीमांत और मिश्रित सामग्री से लंबे समय तक चलने वाली सड़क के नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं।
Steel Road Of Gujarat: सड़क की मोटाई 30 प्रतिशत होगी कम
देश का पहला पायलट प्रोजेक्ट स्टील रोड 1 किलोमीटर लंबा है और इसमें छह लेन हैं। यह 100 प्रतिशत स्टील वेस्ट से बना है। CSIR का कहना है कि इस प्रक्रिया में सड़क की मोटाई भी 30 फीसदी कम कर दी गई है। माना जा रहा है कि इस नए तरीके से बनी सड़क मानसून के मौसम में होने वाले नुकसान से भी बची रहेगी। गुजरात में हजीरा पोर्ट पर 1 किलोमीटर लंबी सड़क पहले कई टन वजन वाले ट्रकों के कारण खराब हो गई थी लेकिन यह सड़क पूरी तरह से स्टील के कचरे से बनाई गई है जिस पर हर दिन 20 से 30 ट्रक चल जाते हैं लेकिन इस सड़क को कोई असर नहीं पड़ रहा है।
Steel Road Of Gujarat: लागत पर भी पड़ रहा असर, पहले से कम होगा खर्च
इस प्रयोग को लेकर CRRI के अध्यक्ष Satish Pandey ने कहा कि इस प्रक्रिया से बनाए गए राजमार्ग और सड़कें अन्य सड़कों से मजबूत हो सकती हैं और इसकी लागत भी लगभग 30 प्रतिशत कम हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में हर साल लगभग 19 मिलियन स्टील वेस्ट निकलता है। एक अनुमान के अनुसार 2030 तक 50 मिलियन टन तक बढ़ भी सकता हैं जो कि पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है।
इसीलिए नीति आयोग के निर्देश पर, इस्पात मंत्रालय ने हमें कई साल पहले निर्माण के लिए इस कचरे का उपयोग करने के लिए कहा था। उसके बाद रिसर्च करके वैज्ञानिकों ने इस परियोजना को पूरा किया। अपनी पहली पायलट परियोजना की सफलता के साथ, भारत सरकार भविष्य में सड़कों को मजबूत बनाने के लिए स्टील के कचरे का उपयोग करने की योजना बना रही है।
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