2008 के मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में थे और सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें जमानत दे दी है।

बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट की साजिश रचने की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 25 अप्रैल को जमानत दे दी थी लेकिन सह आरोपी और पूर्व ले. कर्नल. प्रसाद  पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था।  दरअसल जांच एजेंसी के मुताबिक, विस्फोट को दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने कथित तौर पर अंजाम दिया था।

एनआईए के मुताबिक, पुरोहित ने साजिश रचने वाली बैठकों में सक्रियता से हिस्सा लिया है और वह  विस्फोट का इंतजाम करने को भी राजी हो गया था। आज की सुनवाई में भी एनआईए और सरकार के वकीलों ने कहा कि कर्नल पुरोहित इस मामले में मुख्य आरोपी हैं उन्हें जमानत नहीं दी जाए। इसके अलावा एनआईए ने जांच प्रभावित होने का भी दावा किया जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

वहीं इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि “न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए।  कर्नल पुरोहित का बम धमाके से कोई लिंक नहीं मिला है और अगर धमाके के आरोप हट जाते हैं तो अधिकतम सजा सात साल हो सकती है जबकि वह 9 साल से जेल में हैं।”

गौरतलब है कि पुरोहित की ओर से यह भी माना गया कि वह अभिनव भारत संगठन की मीटिंग में गए थे, लेकिन वह सेना की जासूसी के लिए वहां गए थे। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक क्रॉसफायर का शिकार बनाया गया है और एटीएस ने गलत तरीके से फंसाया है।

वहीं पुरोहित के इस आरोप को कुछ हद तक कोर्ट ने भी माना  है और फैसले देते हुए यह तर्क भी रखा कि मामले की जांच के दौरान लंबे समय तक आरोपी को जेल में रखा गया है। उसके बावजूद जांच एजेंसी अपनी जांच  सही से पूरी न कर सकी।

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