Maharashtra विधानसभा में सोमवार को सर्वसम्मति से राज्य में ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकाय चुनावों में देरी के लिए दो विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गए हैं। विधेयक के तहत OBC आरक्षण को लेकर एक Imperial Data इकट्ठा करने के लिए एक आयोग का गठन किया है। बता दें कि आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही अब महानगर पालिका के चुनाव हो सकेंगे।

गौरतलब है कि अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट खारिज कर दी थी। जिसके बाद MVA सरकार ने ये बिल पेश किए। बता दें कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में ओबीसी समुदाय को 27% आरक्षण बहाल करने की सिफारिश की थी।
परिसीमन के लिए राज्य सरकार को मिलेंगी शक्तियां
विधानसभा ने महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1959, महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 और मुंबई नगर निगम अधिनियम, महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, महाराष्ट्र नगर निगम परिषद, नगर पंचायत और औद्योगिक टाउनशिप अधिनियम, 1965 में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित किए हैं। जिससे वार्डों के परिसीमन के लिए राज्य सरकार को शक्तियां मिलेंगी।
Maharashtra: संशोधनों में परिसीमन प्रक्रिया को रद्द करने का प्रस्ताव
इन विधेयकों के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार के परामर्श से स्थानीय और नगर निकाय चुनावों के लिए शेड्यूल तय करेगा। साथ ही संशोधनों में परिसीमन प्रक्रिया को रद्द करने और राज्य चुनाव आयोग द्वारा नागरिक और स्थानीय निकायों के वार्डों को निर्धारित करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

बता दें कि ये बिल मध्यप्रदेश एक्ट की तर्ज पर बनाए गए हैं। सरकार का दो बिलों को पारित करवाने का कदम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल मुंबई समेत 15 नगर निगमों, 25 जिला परिषदों और 232 नगर परिषदों के चुनाव होने हैं।
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