Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 9वां दिन है, इस बीच रूस ने यूक्रेन में स्थित यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट (Nuclear power plant) जपोरिज़िया (Zaporizhzhya) पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि यह यूरोप में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर 9वां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है। सबसे पहले रूसी सेना ने न्यूक्लियर पावर प्लांट के परिसर में ब्लास्ट किया था , ब्लास्ट से पावर प्लांट में धुआं उठते देखा गया, जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन आदि अन्य देश इस सोच में पड़ गए थे कि कहीं यह रेडिएशन (आग) फैल न जाए लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।
अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य देशों ने इस पर चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा हैं कि आग के बाद कुछ रूसी सैनिक प्लांट में दाखिल हुए। वहीं न्यूक्लियर पावर प्लांट के प्रमुख इगोर मुराशोव (Igor Murashov) का कहना है कि,”परमाणु सुरक्षा को भी तोड़ दिया गया है।
Russia Ukraine War: इस ब्लास्ट से पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा
वहीं इस विस्फोट के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) का भी बयान सामने आया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर न्यूक्लियर पावर प्लांट में विस्फोट हुआ तो पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन में कुल 15 परमाणु रिएक्टर्स हैं, अगर कोई भी परमाणु विस्फोट हुआ तो हम सबका अंत होना तय है।यह पूरे यूरोप का अंत होगा इस ब्लास्ट से पूरा यूरोप खाली हो जाएगा। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साल 1986 की घटना को याद करते हुए कहा कि रूस Chernobyl जैसे हादसे को दोहराना चाहता है Chernobyl में सिर्फ एक रिएक्टर फटने से इतना भयानक हादसा हुआ था। अगर इस बार यह हुआ तो यह छह गुना बड़ा हो सकता है। बता दें कि चेरनोबिल (Chernobyl) आपदा एक परमाणु दुर्घटना थी।
बता दें कि Zaporizhzhya परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कुल 6 परमाणु रिएक्टर (Nuclear reactor) लगे हैं। AFP (Agence France-Presse) न्यूज एजेंसी के अनुसार रूस ने न्यूक्लियर पावर प्लांट पर मोर्टार (Mortar) और आरपीजी से हमला किया था। जिससे प्लांट के परिसर के कुछ हिस्सों में आग लग गई थी। जिसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया लेकिन रूस के सैनिकों ने फायर ब्रिगेड की टीम पर भी फायरिंग की है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इससे पहले 24 फरवरी 2022 को रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) पर भी कब्जा कर लिया था। और सैनिकों ने रेडिएशन स्तर देखने वाले कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया था।
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