Supreme Court: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या अवमानना केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट अब अगले हफ्ते करेगा।पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका देते हुए कहा था, कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो अदालत इस मामले को विधिक आधार पर आगे बढ़ाएगी।

Supreme Court: 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी मौका दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो अदालत इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ेगी। 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि माल्या अदालत के निर्देशों का जवाब देने के लिए स्वतंत्र हैं वरना माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया जाएगा। सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने कहा था कि अब मामला अवमानना को लेकर है। लिहाजा नियम के अनुसार दोषी को भी सुना जाना जरूरी है। हालांकि माल्या कभी भी अदालत में पेश नहीं हुए अब तक उनके वकील ही कोर्ट में आते रहे हैं इससे पहले एक मामला जस्टिस करनन का था जो पेश नहीं हुए तो 7 जजों की पीठ ने सजा सुना दी थी।
सलिसिटर जनरल ने सौंपा था विदेश मंत्रालय का नोट
जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच को सलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने विदेश मंत्रालय का नोट सौंपा था इसके मुताबिक माल्या का प्रत्यार्पण अपने अंतिम चरण में है। इससे पहले 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था। कोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। 9 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
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