सोमवार शाम हुई बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बंद कमरे में 45 मिनट तक बातचीत की। हालांकि इस मीटिंग में दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई ये नहीं पता चल पाया। लेकिन कयास लगाए जा रहे थे कि राजद और जदयू में सब कुछ सामान्य हो गया और महागठबंधन के टूटने का खतरा टल गया।
इस मीटिंग के बाद राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि महागठबंधन में ‘अॉल इज वेल’ चल रहा है। उन्होंने कहा कि अब महागठबंधन की गाड़ी फिर से पटरी पर चल पड़ी है और अब महागठबंधन अटूट है और अटूट रहेगा।
इसके बाद भाजपा ने नीतीश कुमार और जदयू पर निशाना साधते हुए पूछा था कि कहां गया नीतीश का जीरो टॉलरेंस का सिद्धांत? भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि आखिरकार नीतीश ने भ्रष्टाचार से समझौता कर ही लिया। नीतीश अब जनता को बताएं कि तेजस्वी से उनकी क्या बात हुई?
इसके बाद जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि तेजस्वी और नीतीश कुमार की मुलाकात एक औपचारिक मुलाकात थी, इसके कोई और मायने निकालने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जदयू इस मामले को लेकर कतई भी कंफ्यूजन में नहीं है और आज भी अपने पहले के स्टैंड यानि ‘भ्रष्टाचार के साथ जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है। उन्होंने कहा नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति है और पार्टी अपने नीति और नैतिकता के साथ पहले के स्टैंड पर कायम है।