केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है। वेंकैया नायडू इस समय केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण और शहरी विकास मंत्री हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को हुई बीजेपी की अहम बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई। इसके बाद प्रेस कांफ्रेस में अमित शाह ने कहा कि वेंकैया नायडू पार्टी के पुराने चेहरे हैं और इन्होंने पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस तरह अब वेंकैया नायडू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से होगा।
बता दें कि मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। वेंकैया नायडू पहले से ही इस पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद वेंकैया ही सबसे सीनियर मंत्री हैं। इसके अलावा नायडू पार्टी के कई अहम पदों पर भी रह चुके हैं। वह 1980 से 1983 तक नेशनल बीजेपी यूथ विंग के उपाध्यक्ष थे। फिर वो आंध्र प्रदेश में 1980 से 85 तक विधानसभा में बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष के रूप में रहे। 1988 से 1993 के बीच वह आंध्र प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी बने। नायडू दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वेंकैया नायडू का मुकाबला विपक्ष दलों के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से होगा। राष्ट्रपति पद की तरह एनडीए को उपराष्ट्रपति चुनाव में भी जीत मिलने के काफी आसार हैं। ऊपर से गोपालकृष्ण गांधी के लिए शिवसेना भी मुसीबत बनती जा रही है। शिवसेना के फायरब्रांड नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि गोपाल कृष्ण गांधी ने मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की पैरवी की थी। उन्होंने प्रश्न उठाया कि जो आदमी याकूब मेमन के फांसी का विरोध कर सकता है वो कैसे राष्ट्रपति पद का हकदार हो सकता है।
अब जो भी हो दोनो ही बड़ी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का चेहरा पेश कर दिया है। देखना यह होगा कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा।