Supreme Court: दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में अफसरों पर नियंत्रण के मसले पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। CJI ने अनुरोध स्वीकार करते हुए आगामी 3 मार्च को दिल्ली में नौकरशाही नियंत्रण के कानूनी सवाल पर सुनवाई करेंगे। फिलहाल अफसरों के तबादले और नियुक्ति को लेकर अधिकार एलजी के पास हैं। दिल्ली सरकार में अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादलों के साथ ही अन्य कई मसलों पर कोर्ट में मामला चल रहा है।
Supreme Court: पिछले 3 वर्ष से चल रहा है मामला
गौरतलब है कि पिछले 3 वर्ष से इस मामले की सुनवाई चल रही है। बेंच के बीच किसी प्रकार का मतभेद न हो सके, इससे पूर्व ही मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया। दरअसल साल 2019 में 2 जजों की बेंच ने इस मामले पर अलग-अलग राय दी थी। इस कारण मामला 3 जजों की बेंच में सुना जाना है।
इस मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस सीकरी का कहना था कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र के अधीन हैं। दिल्ली के अन्य अधिकारियों पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण है। दूसरी तरफ मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस भूषण इस बात पर सहमत नहीं थे कि अधिकारियों की सेवाएं पूरी तरह से दिल्ली सरकार के दायरे से बाहर हैं।
Supreme Court: एलजी को फैसले से अवगत कराएंगे
याचिकाकर्ता दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा है कि 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली मंत्रिपरिषद अपने फैसले से एलजी को अवगत कराएंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होगा कि एलजी की सहमति जरूरी हो। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि एलजी को खुद का कोई अधिकार नहीं है। वह या तो मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करेंगे या फिर कुछ विशेष मामले को वह राष्ट्रपति के पास भेजेंगे।
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