योगी सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इसी के साथ सरकार ने बोर्ड के छह सदस्यों को पद से हटा दिया है और अवैध कब्जे के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। हटाये गए सदस्यों में पूर्व राज्यसभा सांसद अख्तर हसन रिज़वी, मुरादाबाद के सैय्यद वली हैदर, मुज़फ्फरनगर की अफशा ज़ैदी, बरेली के सय्यद अज़ीम हुसैन, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिज़वी और आलिमा ज़ैदी शामिल हैं। इनको पूर्व की सपा सरकार ने मई 2015 में नामित किया था।
चेयरमैन ने सीएम से की जांच की मांग
दरअसल, यूपी के वक्फ बोर्ड में करोड़ों रुपए के घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यहां तक कि योगी सरकार के अलावा शिया वक्फ बोर्ड के बाद चेयरमैन वसीम रिज़वी भी इसे लेकर खुलकर सामने आ गए हैं। आरोपों का जवाब देते हुए रिज़वी ने कहा कि मैं खुद चाहता हूं कि सीबीआई जांच हो। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार सीएम योगी से मुलाकात कर वक्फ बोर्ड की जांच करवाने की मांग की है।
आपको बता दें कि जिले में वक्फ बोर्ड की कुल 5,125 संपत्तियां दर्ज हैं। जिनमें से सुन्नी वक्फ के पास 4,967 तो शिया वक्फ की 158 हैं। आज भी जिले की कई वक्फ संपत्तियों पर लोगों ने अवैध कब्जा कर भवन निर्माण करा लिया है। जिसे लेकर वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों ने धर्मगुरुओं के साथ धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी समेत उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भी दिया हैं। लेकिन हालात जस के तस हैं। वक्फ बोर्ड की जमीनों पर बनीं दुकानों से न के बराबर किराया लिया जा रहा है। जिसे लेकर भी कई बार विवाद हो चुका है।
सीएम ने दिए सीबीआई जांज के आदेश
वहीं सेंट्रल वक्फ कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में आज़म खान की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। योगी सरकार ने इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद योगी सरकार के वक्फ बोर्डों को भंग करने के नोटिस के बाद से हंगामा मच गया है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा है कि सरकार अगर ऐसा असंवैधानिक फैसला लेती है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
पत्नी समेत जांच के घेरे में हैं आज़म खान
दूसरी ओर वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार को लेकर आज़म खान और उनकी पत्नी के सीबीआई जांच के घेरे में आने के पूरे आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक वक्फ बोर्ड की सीबीआई जांच की जद में आज़म खान और उनकी पत्नी आएंगे क्योंकि उनपर और उनकी पत्नी पर जौहर यूनिवर्सिटी में वक्फ की जमीन रजिस्ट्री कराने और प्रभाव का इस्तेमाल कर शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने का आरोप है। वहीं आजम खान के अलावा यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा भी फंस सकते हैं क्योकि उन पर आरोप लगता रहा है कि चौक स्थित पुरानी मोती मस्ज़िद की जमीन पर अवैध कब्जा करके मोहसिन रज़ा ने अपना घर बनवाया है।