Haridwar Dharma Sansad को लेकर Pakistan ने सवाल खड़ा किया है। पाकिस्तान की तरफ से भारतीय राजनयिक को इस मुद्दे पर तलब भी किया गया है।पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच पर भारत सरकार चुप है। नरेंद्र मोदी सरकार ने दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। और न ही सरकारी स्तर पर इसकी निंदा की गयी है।
Pakistan की तरफ से क्या कहा गया है?
Pakistan के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ‘ये हिंसक घृणास्पद भाषण 17-20 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार, उत्तराखंड में आयोजित “धर्म संसद” के दौरान दिए गए है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि घटना अत्यधिक निंदनीय है। भारत सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
ब्रिटेन की सांसद ने भी जताया विरोध
ब्रिटेन की सांसद नाज शाह ने हरिद्वार धर्म सांसद में मुसलमानों के खिलाफ दिए गए बयानों का एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है कि यह 1941 का नाज़ी जर्मनी नहीं है। यह 2021 का भारत है। मुसलमानों को मारने की अपील की जा रही है। उन्हें पता होना चाहिए कि हिटलर ने भी शुरुआत ऐसे ही की थी। इस मामले में वैश्विक विरोध क्यों नहीं हो रहा है?
राहुल गांधी ने भी जताया था विरोध
‘धर्म संसद’ में दिए गए भाषणों को लेकर राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर विरोध जताया था उन्होंने लिखा था कि, ”हिंदुत्ववादी हमेशा नफ़रत व हिंसा फैलाते हैं। हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई इसकी क़ीमत चुकाते हैं लेकिन अब और नहीं!” वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर विवादित बयान देने वाले पर हमला बोला है।
Haridwar Dharma Sansad में क्या हुआ था?
Haridwar में एक Dharma Sansad का आयोजन किया गया था। इस आयोजन की थीम थी ‘इस्लामिक भारत में सनातन का भविष्य: समस्या और समाधान।’ इस कार्यक्रम के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिए गए थे। हालांकि भाषणों में कुछ वक्ता ने शब्दों की मर्यादा को रखते हुए अपनी बात रखी थी लेकिन अनेक जगहों पर उनकी बातों का लक्ष्य मुसलमानों को बनाया जा रहा था।
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