हर साल भारत में 24 दिसंबर को National Consumer Rights Day यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक और सूचित करना है।
National Consumer Rights Day का इतिहास
National Consumer Rights Day की शुरुआत 24 दिसंबर, 1986 में हुई थी। 1986 में राष्ट्रपति Jail Singh की सहमति मिलने के बाद उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए यह अधिनियम लागू किया गया था।
यह दिन उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए बनाया गया था। उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित रखना आसान नहीं है क्योंकि हर दिन एक नया घोटाला होता है और इसका फायदा उठाने के लिए नई तकनीक है लेकिन लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए, इसी उद्देश्य को पुरी करना का लिए आज भी National Consumer Rights Day मनाया जाता है।
National Consumer Rights Day का उद्देश्य
National Consumer Rights Day मनाने का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरिक तथा अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए जागरुक करना है।
का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को दोषपूर्ण वस्तुओं, असंतोषजनक सेवाओं के साथ-साथ अनुचित व्यापार प्रथाओं सहित विभिन्न प्रकार के शोषण के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा उपाय प्रदान करना है।
National Consumer Rights Day 2021 की थीम
उपभोक्ता दिवस के लिए वर्ष 2021 का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना” है। प्लास्टिक के उपयोग के खतरों पर लोगों को शिक्षित करने के लिए इस विषय को चुना गया है।
भारत में उपभोक्ताओं के अधिकार
- उत्पाद चुनने का अधिकार।
- सभी प्रकार के खतरनाक सामानों से सुरक्षा का अधिकार।
- सभी उत्पादों के प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में जानने का अधिकार।
- उपभोक्ता हितों से संबंधित सभी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुनवाई का अधिकार।
- जब भी उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया गया हो, तो उसकी जवाबदेही का अधिकार।
Consumer’s right Act, 2019 Bill
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