हरीश रावत (Harish Rawat) के ट्वीट से कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। उत्तराखंड (Uttarakhand) में विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब जैसे हालात बन रहे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस में मचे राजनीतिक घमासान की तस्वीर को 22 दिसंबर को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट ने साफ कर दिया था। रावत ने अपने ट्वीट में कांग्रेस के कामकाज पर सवाल खड़ा किया था। सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत की नाराजगी कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह को लेकर है। रावत ने अपने ट्वीट से इतनी खलबली मचा दी है कि उन्हें और प्रीतम सिंह (Pritam Singh) को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली तलब किया है।
Harisht Rawat का नाम सबसे ऊपर
माना जा रहा है कि दोनों से कांग्रेस नेता राहुल गांधी मुलाकात कर सकते हैं। उत्तराखंड में चल रहे बवाल को संभालने के लिए राहुल गांधी आगे आए हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को स्थिति को जल्द काबू में करने का आदेश दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने कई नेताओं को दिल्ली तलब किया है। इसमें सबसे ऊपर हरीश रावत और प्रीतम सिंह का नाम है। दोनों से राहुल गांधी वार्ता करेंगे। उत्तराखंड में मचे राजनीतिक बवाल पर राहुल गांधी दोनों से बात करेंगे।
Harish Rawat 5 जनवरी को करेंगे बड़ी घोषणा
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Harish Rawat का बागी अवतार देख कर कयासों के बाजार गर्म हो गए हैं। कहा जा रहा है कि वे जल्दी ही अपनी पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि रावत कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते हैं। दरअसल 5 जनवरी को हरीश रावत बड़ी घोषणा करने वाले हैं ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
Punjab Congress में विवादों के बाद पंजाब प्रभारी Harish Rawat ने पद छोड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पार्टी आलाकमान को उन्हें उत्तराखंड(Uttarakhand) में समय देने के लिए पद मुक्त करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अब मुक्त कर दिया जाए। आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की। “जय कांग्रेस पार्टी”।
Harish Rawat का ट्वीट
रावत ने ट्वीट में लिखा था कि मैं आज एक बड़ी ऊहापोह से उबर पाया हूंं। एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलतर होती जा रही हैं। क्योंकि ज्यों-जयों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा। मैं, पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूंं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी व गुरु गोविंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है।मैंने निश्चय किया है कि, लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने उत्तराखंड के लिए पूर्ण समर्पित रहूं।
संबंधित खबरें:
Punjab Congress में जारी विवादों के बीच, हरीश रावत ने पद छोड़ने की पेशकश की
Punjab Congress में जारी विवादों के बीच, हरीश रावत ने पद छोड़ने की पेशकश की