आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bhaarat) की तरफ कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने देश के रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) को भी मजबूत करने का फैसला किया है। इसी कड़ी में भारतीय सेना में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला AK सीरीज का AK-203 का निर्माण अब भारत में किया जाएगा। पहले AK-203 को रसिया (Russia) से मंगवाना पड़ता था लेकिन Make in India प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) में 5 लाख AK-203 बनाया जाएगा। यह भारत और रसिया का Joint Venture होगा। इसे रसिया की Kalashnikov कंपनी बनाती है। इसलिए AK-203 को AK-203 Kalashnikov भी का जाता है। यह साझेदारी Ordnance Factory Board और रसिया के Rosoboronexport के बीच हुई है। सरकार इस पर काफी सालों से विचार कर रही थी जिसकी 4 दिसंबर को घोषणा कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में स्थित अमेठी राजनीतिक गढ़ माना जाता है। यहां के खोरबा प्लांट में 5 लाख Kalashnikov AK-203 बनाया जाएगा।
जल्द शुरू हो सकता है काम
भारत सरकार के सूत्रों सें मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने यह फैसला रक्षा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिया किया है। खोरबा के प्लांट में 5 लाख AK-203 बनाया जाएगा। बता दें कि सरकार ने अधिकारिक तौर पर इसकी कोई घोषणा नहीं की है। एएनआई के हवाले से मिली खबर के अनुसार AK-203 बनाने का काम जल्द शुरू हो सकता है। AK सीरीज की मशहूर एसॉल्ट राइफलों में यह बहुत ही अत्याधुनिक हथियार है और आने वाले वर्षों में यह भारतीय सेना के जवानों का मूल हथियार बनने वाला है।
1 मिनट में 600 गोलियां
AK राइफल्स को रूस का Kalashnikov ग्रुप बनाता है। AK-203 राइफल्स AK राइफल्स की 200-सीरीज का हिस्सा हैं और ये सीरीज AK फैमिली की 100-सीरीज की नेक्स्ट जनरेशन है। इस लिहाज से कह सकते हैं कि AK-203 Kalashnikov की AK-103 का अपडेटेड वर्जन है।
एके सीरीज की राइफल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कभी भी जाम नहीं होता। जलवायु की किसी भी मुश्किल परिस्थितियों में भी यह प्रभावी है, चाहे रेतीले मैदान हो या फिर मिट्टी वाला मैदान। पानी में भी AK-203 पानी की तरह काम करता है। AK-203 1 मिनट में दुश्मन के सीने में 600 बुलट उतार सकती है।
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