Allahabad High Court ने देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद शरजील इमाम को एक मामले में जमानत दे दी है। High Court ने यह जमानत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में CAA कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में दी है। जस्टिस सुमित्र दयाल सिंह की बेंच ने शरजील को शनिवार 27 नवम्बर को जमानत दी।
शरजील इमाम को यह जमानत 16 दिसंबर 2019 को एएमयू में दिये विवादास्पद भाषण के लिए दी गई है। जिस मामले में अलीगढ़ पुलिस ने शरजील के खिलाफ देशद्रोह के तहत केस दर्ज किया था। इमाम इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
जमानत के बाद भी शरजील जेल से नहीं छूट सकता क्योंकि उस पर अन्य मामले भी चल रहे हैं
इससे पहले दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सीएए-एनआरसी के विरोध में शरजील इमाम द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण मामले में उसकी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी। इसलिए शरजील को अभी जेल से मुक्ति नहीं मिलेगी। उस पर अभी दिल्ली दंगों की साजिश रचने और जामिया में हुई हिंसा से जुड़े मामले भी विचाराधीन हैं।
शरजील ने साल 2013 में जेएनयू से आधुनिक इतिहास में पीजी किया है
शरजील इमाम का नाम शाहीन बाग़ प्रदर्शन के मुख्य आयोजकों में भी लिया जाता है। शरजील ने साल 2013 में जेएनयू से आधुनिक इतिहास में पीजी किया है। इसके साथ उसने एमटेक की पढ़ाई आईआईटी बॉम्बे से पूरी की।
वह मूल रूप से वह बिहार के जहानाबाद के काको गांव का रहने वाला है। शरजील इमाम पर यूपी, दिल्ली के अलावा मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी केस दर्ज हैं। देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद शरजील इमाम को 28 जनवरी को पुलिस ने उसके गांव से काको से गिरफ्तार किया था।
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